कुशीनगर, (ममता तिवारी)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के दुदही ब्लॉक के गोविंद पट्टी गांव में गुरुवार सुबह जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस घटना में 16 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल 108 एंबुलेंस सेवा के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद कुछ को जिला अस्पताल रेफर किया गया। यह घटना सुबह 8:20 बजे की है, जिसने क्षेत्र में तनाव का माहौल पैदा कर दिया।
जमीनी विवाद ने लिया हिंसक रूप
गोविंद पट्टी गांव में गुरुवार सुबह जमीनी विवाद के चलते दो पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हुई, जो जल्द ही हिंसक मारपीट में बदल गई। इस झड़प में दोनों पक्षों के कई लोग शामिल थे, और मारपीट के दौरान लाठी-डंडों का भी उपयोग हुआ। इस घटना में दिनेश (35 वर्ष, पुत्र शंकर प्रसाद), रामावती (40 वर्ष), हरि प्रसाद (76 वर्ष), श्री बेलास (30 वर्ष), लीलावती (38 वर्ष), जिलेबिया (80 वर्ष), आशा देवी (30 वर्ष), रामकिशन (16 वर्ष) सहित कुल 16 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना की सूचना स्थानीय लोगों ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को दी। मौके पर पहुंची एंबुलेंस ने घायलों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), दुदही में भर्ती कराया। वहां चिकित्सकों ने घायलों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल, कुशीनगर रेफर कर दिया।
108 एंबुलेंस सेवा की त्वरित कार्रवाई
108 एंबुलेंस सेवा ने इस आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की। सभी घायलों को सुरक्षित रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, दुदही पहुंचाया गया। जिला अस्पताल ले जाते समय कुछ मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) लालू ने लखनऊ में बैठे डॉ. सुरेंद्र सर की सहायता से रास्ते में ही प्राथमिक उपचार और ड्रेसिंग की। इस त्वरित कार्रवाई के कारण सभी घायल सुरक्षित रूप से जिला अस्पताल, कुशीनगर पहुंचाए गए, जहां उनका इलाज जारी है।
“108 एंबुलेंस सेवा की त्वरित प्रतिक्रिया ने घायलों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गंभीर स्थिति में भी मरीजों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया।” – स्थानीय निवासी
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जमीनी विवाद के कारण उत्पन्न इस हिंसा ने गांव में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है, और पुलिस ने क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात कर शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और निष्पक्ष जांच के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है।
कुशीनगर में जमीनी विवाद का बढ़ता खतरा
कुशीनगर में जमीनी विवाद के कारण होने वाली हिंसक घटनाएं चिंता का विषय बनी हुई हैं। हाल के महीनों में जिले के विभिन्न हिस्सों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें कई लोग घायल हुए हैं। प्रशासन ने जमीनी विवादों को सुलझाने के लिए तहसील स्तर पर विशेष शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
108 एंबुलेंस सेवा: आपातकाल में जीवन रक्षक
इस घटना में 108 एंबुलेंस सेवा की भूमिका सराहनीय रही। उत्तर प्रदेश में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के तहत संचालित यह सेवा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करती है। इस घटना में भी सेवा ने यह साबित किया कि समय पर कार्रवाई से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।