सोनीपत, राजेश आहूजा (वेब वार्ता)। फिम्स अस्पताल, सोनीपत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह आधुनिक चिकित्सा और उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में अग्रणी है। ट्रांसकैथेटर महाधमनी वॉल्व प्रत्यारोपण (TAVI – Transcatheter Aortic Valve Implantation) तकनीक का उपयोग कर एक 65 वर्षीय महिला का बिना ओपन हार्ट सर्जरी के दिल का वॉल्व सफलतापूर्वक बदला गया। यह उपलब्धि न केवल सोनीपत, बल्कि जीटी रोड करनाल बेल्ट में अपनी तरह की पहली मिसाल है। फिम्स अस्पताल ने दिल्ली और गुरुग्राम जैसे मेट्रो शहरों की तर्ज पर विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करके क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
फिम्स अस्पताल: विश्वसनीय चिकित्सा का नया केंद्र
फिम्स अस्पताल ने अपनी अत्याधुनिक चिकित्सा प्रणालियों, कुशल डॉक्टरों की टीम, और जन-हितैषी प्रबंधन के दम पर यह सिद्ध किया है कि अब मरीजों को उन्नत उपचार के लिए कहीं दूर जाने की आवश्यकता नहीं है। अस्पताल के प्रबंध निदेशक रजत जैन ने बताया, “हमारा लक्ष्य है कि हर मरीज को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हों। इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय हमारी डॉक्टरों की टीम, उन्नत तकनीक, और मरीजों के अटूट विश्वास को जाता है।”
मामले की गंभीरता और आपातकालीन प्रतिक्रिया
एक 65 वर्षीय महिला को सांस लेने में कठिनाई और बेहोशी की गंभीर स्थिति में उनके परिजनों द्वारा फिम्स अस्पताल के आपातकालीन विंग में लाया गया। महिला के बेटे ने बताया, “मेरी मां को अचानक सांस लेने में दिक्कत हुई और वे बेहोश हो गईं। हमने तुरंत छाती पर दबाव देकर प्राथमिक उपचार शुरू किया, जिसके बाद उनकी स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ।”
डॉ. मयंक गोयल की देखरेख में मरीज को तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया और आपातकालीन उपचार शुरू हुआ। जांच में पता चला कि मरीज की महाधमनी वॉल्व (एओर्टिक वॉल्व) में गंभीर स्टेनोसिस (संकुचन) था, जिसके कारण हृदय विफलता के लक्षण दिख रहे थे। यह वॉल्व हृदय और शरीर की मुख्य धमनी के बीच रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है। संकुचित वॉल्व के कारण हृदय को रक्त पंप करने के लिए अत्यधिक दबाव उत्पन्न करना पड़ रहा था, जिससे मरीज की स्थिति गंभीर हो गई थी।
“महाधमनी स्टेनोसिस एक गंभीर स्थिति है, जो अगर अनुपचारित रह जाए, तो हृदय गति रुकने या मृत्यु तक का कारण बन सकती है।” – डॉ. मयंक गोयल, सुप्रसिद्ध कार्डियो सर्जन।
TAVI: बिना चीर-फाड़ की क्रांतिकारी तकनीक
पारंपरिक रूप से, महाधमनी वॉल्व को बदलने के लिए ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता होती है, जो बुजुर्ग मरीजों या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त मरीजों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। मरीज की उम्र और अन्य बीमारियों को देखते हुए डॉ. मयंक गोयल और उनकी चार डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम ने ट्रांसकैथेटर महाधमनी वॉल्व प्रत्यारोपण (TAVI) तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया।
TAVI एक न्यूनतम आक्रामक प्रक्रिया है, जिसमें जांघ की धमनी के माध्यम से एक कैथेटर हृदय तक पहुंचाया जाता है। इस कैथेटर के साथ एक नया वॉल्व संकुचित अवस्था में हृदय तक ले जाया जाता है और फिर उसे सही स्थान पर स्थापित किया जाता है। इस प्रक्रिया में:
कोई बड़ा चीरा नहीं लगाया जाता।
मरीज को हल्की बेहोशी (लोकल एनेस्थीसिया) में रखा जाता है।
रक्तस्राव और जटिलताओं का जोखिम न्यूनतम होता है।
रिकवरी का समय बेहद कम होता है।
लगभग एक घंटे तक चली इस प्रक्रिया के बाद, मरीज की स्थिति में तुरंत सुधार देखा गया। कुछ ही घंटों में मरीज को स्वयं चलने की अनुमति दी गई, और अगले दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह प्रक्रिया सोनीपत और आसपास के क्षेत्र में अपनी तरह की पहली थी, जिसने फिम्स अस्पताल को क्षेत्रीय चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया मुकाम दिलाया।
मरीज और परिजनों की प्रतिक्रिया
महिला मरीज और उनके परिजनों ने फिम्स अस्पताल के प्रबंधन और डॉ. मयंक गोयल की नेतृत्व वाली टीम का हृदय से आभार व्यक्त किया। परिजनों ने कहा, “हमने सोचा था कि इतनी गंभीर स्थिति में मां का इलाज संभव नहीं होगा, लेकिन फिम्स की टीम ने न केवल उनकी जान बचाई, बल्कि उन्हें अगले ही दिन सामान्य जीवन की ओर लौटने में मदद की।”
डॉ. मयंक गोयल ने इस उपलब्धि पर कहा, “TAVI तकनीक ने उन मरीजों के लिए नई उम्मीद जगाई है, जो ओपन हार्ट सर्जरी का जोखिम नहीं उठा सकते। हमारी टीम का लक्ष्य है कि हर मरीज को सुरक्षित और प्रभावी उपचार प्रदान किया जाए।”
फिम्स की उपलब्धियां और भविष्य
फिम्स अस्पताल ने इस सफलता के साथ सोनीपत को चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया गौरव प्रदान किया है। यह उपलब्धि जीटी रोड करनाल बेल्ट में अन्य अस्पतालों के लिए भी एक मिसाल है। अस्पताल ने TAVI जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाकर यह साबित किया है कि स्थानीय स्तर पर भी विश्वस्तरीय चिकित्सा संभव है।
रजत जैन ने भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया, “हम हृदय रोग, कैंसर उपचार, और अन्य उन्नत चिकित्सा सेवाओं को और सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा लक्ष्य है कि सोनीपत और आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को किफायती और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिले।”
निष्कर्ष
फिम्स अस्पताल की यह उपलब्धि सोनीपत के लिए गर्व का विषय है। TAVI तकनीक के माध्यम से बिना ओपन सर्जरी के दिल का वॉल्व बदलने की यह प्रक्रिया न केवल मरीजों के लिए जीवन रक्षक है, बल्कि चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार और प्रगति का प्रतीक भी है। यह घटना दर्शाती है कि फिम्स अस्पताल न केवल आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम है, बल्कि मरीजों के विश्वास और संतुष्टि को भी प्राथमिकता देता है।
फिम्स अस्पताल और डॉ. मयंक गोयल की इस उपलब्धि को नमन करते हुए, हम आशा करते हैं कि यह अस्पताल भविष्य में भी ऐसी ही क्रांतिकारी चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता रहेगा।




