हरदोई, लक्ष्मीकान्त पाठक (वेब वार्ता)। हरदोई जिले के कछौना थाना क्षेत्र के ग्रामसभा बाण में एक विधवा महिला के साथ भूमि हड़पने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़िता ईश्वरवती ने जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र सौंपकर आरोप लगाया है कि दबंग रिश्तेदारों ने उसे गुमराह कर उसकी पैतृक भूमि का बैनामा अपने नाम करा लिया और कई महीनों तक उसे बंधक बनाकर रखा। इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है, और ग्रामीणों ने इसे समाज के लिए कलंक बताते हुए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
पीड़िता का प्रार्थना पत्र: गुमराह कर हड़पी जमीन
ईश्वरवती ने अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि कुछ दबंग रिश्तेदारों ने उसे बहकावे में लेकर उसकी पैतृक भूमि का बैनामा अपने नाम करा लिया। जब उसने इसका विरोध किया, तो उसे कई महीनों तक बंधक बनाकर रखा गया, जिसके कारण वह किसी से संपर्क नहीं कर सकी। पीड़िता ने बताया कि बंधक बनाए जाने के दौरान उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। किसी तरह छूटकर घर पहुंचने के बाद उसने अपने परिचितों को इस अमानवीय घटना की जानकारी दी।
ईश्वरवती ने कहा, “जबरन कराए गए बैनामे ने मेरा भविष्य अंधकारमय कर दिया है। मैं मानसिक और सामाजिक रूप से गहरी पीड़ा झेल रही हूं।” अब वह न्याय की आस में प्रशासन के दरवाजे खटखटा रही है और अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रही है।
ग्रामीणों का गुस्सा: समाज के लिए कलंक
ग्रामसभा बाण के ग्रामीणों ने इस घटना पर गहरा रोष व्यक्त किया है। उनका कहना है कि एक विधवा महिला के साथ इस तरह का व्यवहार समाज के लिए कलंक है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। एक ग्रामीण ने कहा, “असहाय लोगों के साथ इस तरह की ज्यादती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।”
पुराना मामला भी सामने: बाण में पहले भी हुई थी ऐसी घटना
यह पहला मौका नहीं है जब ग्रामसभा बाण में भूमि हड़पने का मामला सामने आया है। इससे पहले 2022 में, अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, गांव के ही दो सगे भाइयों, बिलास और श्यामलाल, को मृत दिखाकर एक दबंग ने उनके पिता गज्जू की जमीन अपने नाम करा ली थी। उस मामले में दोनों भाइयों को अपनी जमीन वापस पाने के लिए 27 साल तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। इस घटना ने क्षेत्र में दबंगों द्वारा असहाय लोगों की जमीन हड़पने की प्रवृत्ति को उजागर किया था।
प्रशासन से मांग: निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई
ईश्वरवती ने जिला अधिकारी से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषी रिश्तेदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने प्रार्थना पत्र में मांग की है कि जबरन कराए गए बैनामे को रद्द किया जाए और उनकी जमीन उन्हें वापस दिलाई जाए। साथ ही, बंधक बनाए जाने और मानसिक प्रताड़ना के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाए।
सामाजिक और कानूनी निहितार्थ
यह मामला न केवल एक व्यक्तिगत अन्याय की कहानी है, बल्कि समाज में असहाय लोगों, विशेष रूप से विधवाओं, के साथ होने वाले शोषण को भी उजागर करता है। उत्तर प्रदेश में भूमि विवाद और दबंगों द्वारा जमीन हड़पने की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। ऐसी घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक असमानता और कमजोर प्रशासनिक हस्तक्षेप को दर्शाती हैं। इस मामले में प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से न केवल ईश्वरवती को न्याय मिल सकता है, बल्कि यह अन्य असहाय लोगों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।
निष्कर्ष
हरदोई के कछौना क्षेत्र में विधवा ईश्वरवती के साथ हुई इस घटना ने समाज में व्याप्त दबंगई और अन्याय को फिर से उजागर किया है। यह मामला प्रशासन के लिए एक चुनौती है कि वह न केवल पीड़िता को न्याय दिलाए, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की नजर अब प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी है, जो इस मामले में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।