नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत ने अफगानिस्तान में हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मानवीय सहायता के रूप में 21 टन राहत सामग्री हवाई मार्ग से काबुल भेजी है। यह सहायता भूकंप पीड़ितों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए भेजी गई है, जिसमें आवश्यक दवाएं, आवास सामग्री और स्वच्छता किट शामिल हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की और कहा कि भारत अफगानिस्तान के लोगों के साथ इस मुश्किल घड़ी में मजबूती से खड़ा है।
भूकंप की पृष्ठभूमि और प्रभाव
अफगानिस्तान में हाल ही में आए भूकंप ने हजारों लोगों को प्रभावित किया है। इस प्राकृतिक आपदा ने कई गांवों और शहरों को तबाह कर दिया, जिससे घरों का नुकसान, घायलों की संख्या में वृद्धि और बुनियादी सुविधाओं का अभाव हो गया है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और स्वच्छ पानी की कमी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे में भारत की यह सहायता पीड़ितों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत के रूप में आई है।
राहत सामग्री में शामिल वस्तुओं की सूची इस प्रकार है:
- कंबल और स्लीपिंग बैग: ठंड से बचाव के लिए।
- टेंट और पानी की टंकियां: अस्थायी आवास और जल भंडारण के लिए।
- हाइजीन किट, हैंड सैनिटाइजर और जल शुद्धिकरण की गोलियां: स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए।
- आवश्यक दवाएं, ओआरएस घोल और व्हीलचेयर: चिकित्सा सहायता के लिए।
- जनरेटर, किचन के बर्तन और पोर्टेबल वॉटर प्यूरिफायर: दैनिक जीवन की जरूरतों के लिए।
यह सहायता भारत की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति का हिस्सा है, जो वैश्विक स्तर पर मानवीय सहायता प्रदान करने पर जोर देती है।
विदेश मंत्री का बयान
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भारत अफगानिस्तान के लोगों के साथ इस कठिन समय में पूरी तरह खड़ा है। हमने 21 टन राहत सामग्री हवाई मार्ग से भेजी है। हम जमीन पर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और आने वाले दिनों में जरूरत के अनुसार और भी मानवीय सहायता प्रदान करेंगे।”
यह बयान भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह न केवल तत्काल सहायता प्रदान कर रहा है, बल्कि लंबे समय तक समर्थन जारी रखेगा। जयशंकर ने यह भी उल्लेख किया कि भारत अफगानिस्तान के साथ ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, विशेष रूप से संकट की घड़ी में।
भारत की मानवीय सहायता की परंपरा
भारत ने पहले भी कई देशों को प्राकृतिक आपदाओं में सहायता प्रदान की है। उदाहरण के लिए, नेपाल भूकंप (2015), तुर्की भूकंप (2023) और अन्य वैश्विक संकटों में भारत ने सक्रिय भूमिका निभाई है। अफगानिस्तान के साथ भारत के संबंध विशेष हैं, जहां भारत ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कई परियोजनाएं चलाई हैं। यह नवीनतम सहायता इस साझेदारी को और मजबूत करेगी।
भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी हैं, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और सहायता की अपेक्षा की जा रही है। भारत की यह पहल न केवल पीड़ितों को राहत प्रदान करेगी, बल्कि वैश्विक एकजुटता का संदेश भी देगी।
Indian earthquake assistance reaches Kabul by air.
21 tonnes of relief materials including blankets, tents, hygiene kits, water storage tanks, generators, kitchen utensils, portable water purifiers, sleeping bags, essential medicines, wheelchairs, hand sanitizers, water… pic.twitter.com/q8TUb1wbSn
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 2, 2025




