कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। कुशीनगर जिले की बंद पड़ी पडरौना चीनी मिल को पुनः शुरू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने इस दिशा में सक्रिय पहल करते हुए गन्ना किसानों और चीनी मिल कर्मचारियों के प्रतिनिधि मंडलों के साथ एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में चीनी मिल के संचालन में आने वाली चुनौतियों, बकाया भुगतानों और संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। यह पहल न केवल क्षेत्र के किसानों और कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आएगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।
बैठक का उद्देश्य और चर्चा
जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में पडरौना चीनी मिल के पुनः संचालन और गन्ना किसानों तथा मिल कर्मचारियों के बकाया भुगतान के मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया गया। बैठक में दोनों पक्षों ने अपने-अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए और बकाया भुगतानों से संबंधित तथ्यात्मक आंकड़े, प्रकरणों, और विभिन्न मंचों व न्यायालयों में लंबित वादों का विवरण साझा किया।
जिलाधिकारी ने सभी प्रस्तुतियों का संज्ञान लेते हुए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वैभव मिश्रा, उप जिलाधिकारी पडरौना ऋषभ देवराज पुंडीर, और तहसील प्रशासन को निर्देश दिए कि वे प्राप्त आंकड़ों का सत्यापन कर एक व्यावहारिक और संतुलित प्रतिवेदन तैयार करें। इस प्रतिवेदन के आधार पर बकाया भुगतान और मिल के संचालन से संबंधित ठोस कदम उठाए जाएंगे।
“प्रशासन, गन्ना किसान और मिल कर्मचारी आपसी सहयोग और समझदारी के साथ मिलकर एक व्यवहार्य समाधान तक पहुंचेंगे।” – महेंद्र सिंह तंवर, जिलाधिकारी, कुशीनगर
सकारात्मक दृष्टिकोण और सहयोग
बैठक में गन्ना किसानों और मिल कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया। दोनों पक्षों ने सर्वसम्मति से यह सहमति जताई कि प्रशासन के सहयोग से एक व्यवहार्य समाधान निकाला जाएगा। इसके साथ ही, विभिन्न न्यायालयों और न्यायाधिकरणों में लंबित वादों को समाप्त करने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे।
प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी की इस पहल की सराहना की और कहा कि यह पहली बार है जब स्वयं जिलाधिकारी ने दोनों पक्षों को सुनने के लिए बैठक बुलाई है। इससे पहले किसान और मिल कर्मचारी ही प्रशासन से गुहार लगाते थे, लेकिन इस बार प्रशासन ने स्वतः संज्ञान लेकर इस दिशा में कदम उठाया है।
बैठक में उपस्थित प्रतिनिधि
गन्ना किसानों के प्रतिनिधि:
डॉ. विपिन बिहारी चौबे
बुनदल पांडे
ऋषभ सिंह
छोटेलाल सिंह
अवधेश सिंह
संजय मित्तल
पप्पू शुक्ला
मिल कर्मचारियों के प्रतिनिधि:
महेंद्र सिंह
दीनानाथ त्रिपाठी
ओमप्रकाश श्रीवास्तव
मनोज श्रीवास्तव
लालमन पांडे
कामेश्वर तिवारी
उमेश श्रीवास्तव
अगले कदम और भविष्य की योजना
जिलाधिकारी ने घोषणा की कि लगभग एक सप्ताह बाद दोनों पक्षों के साथ एक और बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में बकाया भुगतान के संबंध में एक व्यावहारिक आंकड़े पर सहमति स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रशासन की यह पहल दृढ़ प्रतिबद्धता और सहयोगात्मक दृष्टिकोण का परिचायक है, जिसके माध्यम से पडरौना चीनी मिल का पुनः संचालन संभव होगा।
इसके अतिरिक्त, गन्ना किसानों और मिल कर्मचारियों के हितों का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन सभी आवश्यक कदम उठाएगा। जिलाधिकारी ने कहा, “हमारा लक्ष्य न केवल मिल को फिर से शुरू करना है, बल्कि क्षेत्र के किसानों और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना भी है।”
पडरौना चीनी मिल का महत्व
पडरौना चीनी मिल कुशीनगर जिले की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। यह मिल न केवल गन्ना किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्रदान करती थी, बल्कि सैकड़ों कर्मचारियों के लिए रोजगार का स्रोत भी थी। मिल के बंद होने से क्षेत्र में गन्ना उत्पादन में कमी आई और किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ। इस पहल से न केवल मिल का पुनः संचालन होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
निष्कर्ष: एक नई उम्मीद की शुरुआत
जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर की इस पहल ने गन्ना किसानों और मिल कर्मचारियों में नई उम्मीद जगाई है। यह बैठक पडरौना चीनी मिल के पुनः संचालन और बकाया भुगतान के समाधान की दिशा में एक ठोस कदम है। प्रशासन, किसानों और कर्मचारियों के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मिल जल्द ही फिर से शुरू हो और क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि में योगदान दे। अधिक जानकारी के लिए जिला प्रशासन या संबंधित विभाग से संपर्क करें।