नई दिल्ली (वेब वार्ता)। राजधानी दिल्ली में यमुना नदी एक बार फिर उफान पर है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर 205.68 मीटर पर पहुंच गया है। निचले इलाकों में पानी घुसने से सड़कें जलमग्न हो गई हैं, और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है और राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।
यमुना का बढ़ता जलस्तर और प्रभाव
सोमवार सुबह हथिनी कुंड बैराज से 3.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो इस मानसून सीजन में अब तक की सबसे बड़ी मात्रा है। इस पानी के दिल्ली पहुंचने से यमुना किनारे बसे इलाकों जैसे यमुना बाजार, तिब्बतन कॉलोनी, और मयूर विहार में पानी घुस गया है। कई घरों के निचले हिस्सों और गलियों में पानी भर गया है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। प्रशासन ने पुराने यमुना पुल (लोहा पुल) को सोमवार शाम 5 बजे यातायात के लिए बंद कर दिया।
स्थानीय निवासी शिव शंकर शर्मा ने कहा, “हर साल यमुना का पानी हमारे घरों में घुस जाता है। प्रशासन चेतावनी तो देता है, लेकिन ठोस कदम नहीं उठाता। हमें हर बार घर छोड़ना पड़ता है।” अधिकारियों का अनुमान है कि मंगलवार शाम तक यमुना का जलस्तर 206 मीटर के निकासी स्तर तक पहुंच सकता है, जिसके बाद बड़े पैमाने पर लोगों को स्थानांतरित करना होगा।
बाढ़ की स्थिति और प्रशासनिक कदम
दिल्ली में यमुना का चेतावनी स्तर 204.50 मीटर और खतरे का निशान 205.33 मीटर है, जबकि 206 मीटर पर निकासी शुरू होती है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने चेतावनी दी है कि अगले 2-3 दिनों में जलस्तर और बढ़कर “गंभीर बाढ़” श्रेणी में पहुंच सकता है। प्रशासन ने यमुना किनारे बसे 15,000 लोगों में से 5,000 को, जो सीधे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं, सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और दिल्ली पुलिस ने राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां भोजन, पानी, और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मयूर विहार में 100 राहत शिविर सक्रिय किए गए हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना बाजार का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और कहा, “स्थिति नियंत्रण में है, राहत और बचाव टीमें पूरी तरह तैयार हैं।”
2023 की बाढ़ की यादें ताजा
यह स्थिति 2023 की भयावह बाढ़ की याद दिला रही है, जब यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया था। तब दिल्ली के कई पॉश इलाकों में भी 8 फुट तक पानी भर गया था, जिससे भारी तबाही हुई थी। इस बार भी हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा जाना और ऊपरी क्षेत्रों में भारी बारिश बाढ़ का मुख्य कारण है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सितंबर में मानसून के सक्रिय रहने और दिल्ली-एनसीआर में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई है। सोमवार को रुक-रुक कर बारिश ने स्थिति को और जटिल बना दिया। मौसम विभाग ने 1-3 सितंबर तक दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी दी है, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है।
सामाजिक और स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर बुनियादी ढांचे की कमी और देरी से राहत कार्यों का आरोप लगाया है। X पर एक यूजर ने लिखा, “हर साल यमुना उफनती है, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम वही पुराना। सरकार को स्थायी समाधान चाहिए।” आगरा में भी यमुना का जलस्तर अलर्ट स्तर से ऊपर है, जहां ताजगंज श्मशान घाट समेत कई घाट जलमग्न हो गए हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर ने एक बार फिर बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। प्रशासन द्वारा राहत कार्य तेज किए गए हैं, लेकिन खराब ड्रेनेज और जलवायु परिवर्तन जैसे दीर्घकालिक मुद्दों को हल करना जरूरी है। स्थानीय लोग और विशेषज्ञ स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचा जा सके।