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हरदोई: पुलिस हिरासत में युवक की मौत के बाद बवाल, सीबीआई जांच की मांग

हरदोई, लक्ष्मीकांत पाठक (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के शाहाबाद कोतवाली क्षेत्र में 31 अगस्त 2025 की रात पुलिस हिरासत में 20 वर्षीय रवि राजपूत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने इलाके में तनाव पैदा कर दिया है। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए थाने के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया और सीबीआई जांच की मांग की। इस घटना ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना का विवरण

पुलिस के अनुसार, रवि राजपूत को 28 अगस्त 2025 को मुकदमा संख्या 567/25, धारा 87 और 137(2) BNS (नाबालिग लड़की को भगाने का आरोप) के तहत गिरफ्तार किया गया था। 31 अगस्त की रात करीब 8 बजे उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, और उसे शाहाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने लड़की के परिवार से रुपये लेकर रवि की हत्या की।

“पुलिस ने लड़की पक्ष से पैसे लेकर मेरे बेटे की हत्या कर दी। हम सीबीआई जांच चाहते हैं।” – मृतक के परिजन

पुलिस की कार्रवाई और निलंबन

घटना के बाद पुलिस अधीक्षक (एसपी) नीरज कुमार जादौन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुकदमा संख्या 101/2025, धारा 3(5), 127(2), और 103(1) BNS के तहत विवेचक बरुण शुक्ला, डायल-112 के दो सिपाहियों, और लड़की के परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके साथ ही विवेचक और थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया। पोस्टमार्टम को वीडियोग्राफी के साथ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के दिशानिर्देशों के तहत कराया गया।

एसपी नीरज कुमार जादौन ने कहा,

“मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित कर ली गई है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।”

परिजनों का प्रदर्शन और तनाव

पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही रवि का शव गांव पहुंचा, परिजनों और ग्रामीणों ने आक्रोश में आकर शाहाबाद कोतवाली के बाहर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। हजारों की भीड़ ने लखनऊ-पलिया हाईवे जाम कर दिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। भीड़ ने सीबीआई जांच और मुआवजे की मांग की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात की गई।

जिलाधिकारी और एसपी मौके पर पहुंचे और परिजनों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। इसके बाद भीड़ शांत हुई, और शव को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले जाया गया।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है। कई यूजर्स ने इसे पुलिस की बर्बरता का उदाहरण बताते हुए निंदा की। ग्रामीणों ने भी पुलिस पर पहले से दबाव और प्रताड़ना का आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इस मामले में कठोर कार्रवाई और पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग की। उन्होंने कहा –

इसी क्रम में, सोमवार को उच्च शिक्षा राज्य मंत्री एवं शाहाबाद विधायक रजनी तिवारी अहमदनगर पहुँचीं और परिजनों से मुलाक़ात कर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए आश्वासन दिया कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को भी निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए गए हैं। न्याय की उम्मीद में गाँववाले और परिवार प्रशासन की कार्रवाई पर नज़र बनाए हुए हैं।

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने परिजनों को सांत्वना दी और न्याय का आश्वासन दिया
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने परिजनों को सांत्वना दी और न्याय का आश्वासन दिया

पूर्व जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्र (नीरज) ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है :

वर्तमान स्थिति

वर्तमान में शाहाबाद में तनाव का माहौल बना हुआ है, और पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात किया है। जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, और प्रशासन ने परिजनों की मांग पर विचार का आश्वासन दिया है। इस घटना ने उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों पर फिर से सवाल उठाए हैं, और यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।

हरदोई में पुलिस हिरासत में युवक की संदिग्ध मौत: FIR दर्ज, दरोगा निलंबित, तनाव बढ़ा

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