सारण/नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर अधिकार यात्रा ने जोर पकड़ लिया है। इस ऐतिहासिक यात्रा में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के साथ भाग लिया। यह यात्रा इंडिया ब्लॉक द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में कथित गड़बड़ियों और वोट चोरी के मुद्दे को उजागर करने के लिए शुरू की गई है।
वोटर अधिकार यात्रा: उद्देश्य और महत्व
17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई यह यात्रा बिहार के 20 जिलों से होकर गुजर रही है और 1,300 किलोमीटर का सफर तय कर 1 सितंबर 2025 को पटना में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगी। इंडिया ब्लॉक का दावा है कि यह यात्रा मतदाताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और वोट चोरी के खिलाफ जन आंदोलन को मजबूत करने के लिए है।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस यात्रा की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा:
“जन अधिकारों की रक्षा के लिए जारी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ ने क्रांति ला दी है। आज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल हुए और ‘वोट चोरी’ के खिलाफ आवाज बुलंद की। जय लोकतंत्र।”
इंडिया ब्लॉक की एकजुटता का प्रदर्शन
30 अगस्त को अखिलेश यादव ने सारण के एकमा से शुरू होकर आरा तक की यात्रा में हिस्सा लिया। इस दौरान राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, रोहिणी आचार्य, और अन्य इंडिया ब्लॉक के नेता भी मौजूद रहे। आरा के वीर कुंवर सिंह मैदान में आयोजित जनसभा में नेताओं ने चुनाव आयोग और भाजपा पर एसआईआर के जरिए वोटर लिस्ट में हेरफेर का आरोप लगाया।
अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में कहा, “भारतीय जनता पार्टी बिहार से बाहर होने वाली है। इस वोटर अधिकार यात्रा ने जनता को उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया है। चुनाव आयोग अब बीजेपी का एक सेल बनकर काम कर रहा है।”
एनडीए का जवाब: “धोखा यात्रा”
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने इस यात्रा को “धोखा यात्रा” करार देते हुए तीखा हमला बोला। भाजपा-जदयू नेताओं का दावा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में पिछले 20 वर्षों में बिहार में “डबल इंजन” सरकार ने अभूतपूर्व विकास किया है। उन्होंने कहा कि जनता इंडिया ब्लॉक के “झूठ” का जवाब आगामी विधानसभा चुनाव में वोट के जरिए देगी।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा ने कहा, “यह यात्रा बिहार की जनता को गुमराह करने की कोशिश है। बिहार की जनता जागरूक है और इसका जवाब देगी।”
यात्रा का प्रभाव और विवाद
यात्रा को बिहार में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है, लेकिन यह विवादों से भी घिरी रही। 27 अगस्त को दरभंगा में एक वायरल वीडियो में मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया, जिसके बाद एनडीए ने इसे “गुसपैठिया बचाओ यात्रा” करार दिया। हालांकि, उस समय राहुल गांधी और तेजस्वी यादव मंच पर मौजूद नहीं थे।
कांग्रेस और राजद नेताओं का कहना है कि यह यात्रा लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए है। तेजस्वी यादव ने कहा, “यह यात्रा अब हमारे नियंत्रण में नहीं, बल्कि जनता के दिलों में है। बीजेपी डर गई है, और इस बार बिहार में एक भी वोट की चोरी नहीं होगी।”
भविष्य की राह
वोटर अधिकार यात्रा ने बिहार की सियासत में नया जोश भरा है। इंडिया ब्लॉक का दावा है कि यह यात्रा न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश में वोट चोरी के खिलाफ एक आंदोलन बन चुकी है। राहुल गांधी ने कहा, “हमने महाराष्ट्र, हरियाणा, और कर्नाटक में वोट चोरी देखी, लेकिन बिहार में ऐसा नहीं होने देंगे।”
1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में इस यात्रा का समापन एक विशाल रैली के साथ होगा, जिसमें इंडिया ब्लॉक के कई बड़े नेता शामिल होंगे। यह रैली बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा सियासी संदेश देगी।
S.I.R. की Chronology समझिए:
– भाजपा की साज़िश सिर्फ़ वोटर लिस्ट से नाम काटना नहीं है
– उसके बाद राशन कार्ड से भी नाम काटना है,
– फिर जाति प्रमाणपत्र को ख़ारिज करना है,
– फिर आरक्षण मारना है,
– फिर खेत, घर-मकान, ज़मीन से नाम काटना है…
– ग़रीब, पिछड़े, दलित,… pic.twitter.com/1l4OQFD8fj— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 30, 2025