प्रतापगढ़, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल हिंसा को लेकर एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि न्यायिक आयोग की रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि यह हिंसा एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी। मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी प्रतापगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए की।
मुख्यमंत्री ने कहा, “न्यायिक आयोग ने कल संभल घटना पर अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें 2024 में दंगों की साजिश के कुछ हिस्सों का खुलासा किया गया है।” उन्होंने आगे कहा कि रिपोर्ट में बाहर से दंगाइयों को लाने और जनसांख्यिकीय परिवर्तन की कोशिश जैसे गंभीर तथ्य सामने आए हैं।
योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा, “एसपी और कांग्रेस के समय में हिंदुओं को निशाना बनाया गया और उनकी जनसांख्यिकी को कम किया गया। लेकिन आज, डबल इंजन वाली सरकार है जो जनसांख्यिकी को बदलने नहीं देगी। अगर कोई जनसांख्यिकी बदलने की कोशिश करेगा, तो उसे पलायन करना पड़ेगा।”
न्यायिक आयोग रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं के अनुसार:
पुलिस को श्रेय: रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश पुलिस को ‘नरसंहार’ रोकने का श्रेय दिया गया है।
बाहरी तत्व: इसमें कहा गया है कि जिले में ‘बाहर से दंगाइयों को लाया गया था’।
जनसांख्यिकीय चिंता: रिपोर्ट ने आजादी के बाद से संभल में हुए महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय परिवर्तनों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता के समय संभल की नगरपालिका आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 45% थी।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: रिपोर्ट में संभल में सांप्रदायिक दंगों के लंबे इतिहास का भी उल्लेख किया गया है, जिसकी शुरुआत 1953 में शिया-सुन्नी संघर्ष से हुई, जिसके बाद 1956, 1959 और 1966 में दंगे हुए।
पृष्ठभूमि:
गत वर्ष 24 नवंबर को संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस घटना की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी। मुख्यमंत्री के इस बयान से स्पष्ट है कि सरकार इस मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने माफिया मुक्त, दंगा मुक्त और गुंडागर्दी से मुक्त प्रदेश की बात सिर्फ कही नहीं, बल्कि उसे करके दिखाया है… pic.twitter.com/OqMoyqS4TC
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 29, 2025