बलरामपुर, क़मर खान (वेब वार्ता)। सुआंव नाले (गोपियापुर ड्रेन) के दोनों ओर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) की कार्रवाई से बलरामपुर शहर में हड़कंप मच गया है। बिना किसी पूर्व सूचना के रिहायशी और व्यावसायिक भवनों पर निशान लगाकर भूमि खाली कराने और पत्थर डलवाने की कार्रवाई से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है।
जनता में बढ़ी चिंता
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे वर्षों से यहां रह रहे हैं, लेकिन अचानक उनके घरों और दुकानों को अवैध घोषित कर उजाड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस कार्रवाई से हजारों लोग विस्थापन के डर में जी रहे हैं।
विधायक पल्टूराम की मुख्यमंत्री से गुहार
बलरामपुर सदर विधायक पल्टूराम ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि:
NGT की ओर से शहरी क्षेत्र में 200 मीटर और ग्रामीण क्षेत्र में 500 मीटर तक के दायरे में आने वाले निर्माणों को अवैध घोषित कर चिन्हित किया जा रहा है।
बिना वैकल्पिक व्यवस्था के लोगों को हटाना अन्यायपूर्ण है।
बलरामपुर पहले से ही गंभीर बाढ़ समस्या से जूझ रहा है, ऐसे में लोगों को उजाड़ना स्थिति को और खराब करेगा।
विवाद ले रहा राजनीतिक रूप
सुआंव नाले को लेकर जारी यह विवाद अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। जनता को राहत दिलाने के लिए प्रशासन और सरकार पर दबाव बढ़ रहा है।