हरदोई, लक्ष्मीकान्त पाठक (वेब वार्ता)। कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जिला स्तरीय समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस दौरान वर्ष 2024-25 में स्वीकृत परियोजनाओं पर खर्च की गई धनराशि, उनकी भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की बिंदुवार समीक्षा की गई।
पारदर्शिता पर जिलाधिकारी का विशेष जोर
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि यह योजना जिले के मत्स्य पालकों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाली है, इसलिए इसकी कार्यप्रणाली में पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही होनी आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि:
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्राप्त सभी ऑनलाइन आवेदनों की गहन जांच की जाए।
पात्र आवेदकों का चयन पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता से किया जाए।
अपात्र आवेदनों को चिन्हित कर निरस्त किया जाए।
पात्र सूची का रैण्डमाइजेशन मुख्य विकास अधिकारी की उपस्थिति में कराया जाए, ताकि चयन प्रक्रिया पर कोई सवाल न उठ सके।
योजना के लाभ सीधे मत्स्य पालकों तक
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से सीधे मत्स्य पालकों को रोजगार और आर्थिक सहयोग मिल रहा है। यह न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार कर रही है, बल्कि जिले की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही है। उन्होंने समिति के अधिकारियों को निर्देश दिए कि:
योजना की प्रगति की नियमित निगरानी की जाए।
लाभार्थियों तक समय से अनुदान एवं अन्य सुविधाएं पहुँचाई जाएं।
किसी भी स्तर पर लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में मौजूद अधिकारी
इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सान्या छाबड़ा, मत्स्य विभाग से अवधेश वर्मा, अपर जिला सूचना अधिकारी दिव्या निगम, सहित विभागीय अधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने अपने-अपने स्तर पर कार्यों की प्रगति की जानकारी जिलाधिकारी को दी।