बेंगलुरु, (वेब वार्ता)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के निकट रविवार को इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (आईएडीटी-01) का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण गगनयान कार्यक्रम के लिए पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली की प्रणाली-स्तरीय योग्यता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसरो ने बताया कि श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में किए गए इस परीक्षण में, गगनयान मिशन के क्रू मॉड्यूल की पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली को एक विशिष्ट मिशन परिदृश्य में सफलतापूर्वक दर्शाया गया।
परीक्षण की प्रक्रिया
इस परीक्षण में मंदन प्रणाली को शामिल करते हुए एक कृत्रिम क्रू मॉड्यूल (सीएम) को हेलीकॉप्टर की मदद से उतारा गया।
इसका उद्देश्य गगनयान मिशन में क्रू मॉड्यूल के समुद्र में सुरक्षित उतरने के अंतिम चरण के दौरान पैराशूट प्रणाली का प्रयोग करना था, ताकि टचडाउन वेग को सुरक्षित सीमा में रखा जा सके।
परीक्षण में कुल 10 पैराशूट शामिल थे:
2 एपेक्स कवर सेपरेशन (एसीएस)
2 ड्रोग
3 पायलट
3 मुख्य कैनोपी
सहयोग और भविष्य की योजना
इसरो ने बताया कि इस परीक्षण में डीआरडीओ, भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल सहित अन्य सरकारी एजेंसियों ने योगदान दिया। आने वाले दिनों में इसी तरह के और परीक्षण करने की योजना बनाई गई है।
इस परीक्षण की सफलता गगनयान मिशन की सुरक्षा, विश्वसनीयता और तकनीकी दक्षता को सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।