-हर्षवर्धन पान्डे-
देश का हृदय स्थल एमपी अपनी समृद्ध खनिज संपदा और निवेश-अनुकूल नीतियों के चलते अब खनन क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने खनिज नीलामी और खनन क्षेत्र में सतत विकास के क्षेत्र में निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है। एमपी माइनिंग क्षेत्र में न केवल आर्थिक प्रगति का केंद्र बन रहा है, बल्कि देश के औद्योगिक विकास और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
खनिज नीलामी में शीर्ष पर मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश ने खनिज ब्लॉकों की नीलामी में देश में शीर्ष स्थान हासिल किया है। पारदर्शी नीलामी, पर्यावरण-अनुकूल खनन और स्थानीय समुदायों की भागीदारी जैसे सुधारों से निवेशकों का विश्वास मध्यप्रदेश की ओर तेजी से बढ़ा है।
17-18 अक्टूबर 2024 को भोपाल में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मध्यप्रदेश को प्राप्त हुए हैं।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य ने 29 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की जिसके लिए भारत सरकार ने वर्ष 2022 और 2025 में खनन मंत्रियों के सम्मेलन में मध्यप्रदेश को प्रथम और द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया।
क्रिटिकल मिनरल्स नीलामी में पहला राज्य
हाल ही में मध्यप्रदेश ने क्रिटिकल मिनरल्स की नीलामी शुरू कर केंद्र सरकार की नीति को लागू करने वाला पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया। अब तक मध्यप्रदेश ने कुल 103 खनिज ब्लॉकों की नीलामी की है जिससे भविष्य में 1.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।
इसी तरह से सिंगरौली और कटनी जिलों में कुल पाँच स्वर्ण ब्लॉकों की नीलामी की जा चुकी है जिनमें 7.87 मिलियन टन अयस्क भंडार मौजूद है। जबलपुर के सिहोरा और कटनी के स्लीमनाबाद क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर सोने की उपलब्धता है।
मध्यप्रदेश की खनिज संपदा का खजाना
मध्यप्रदेश में खनिज संसाधनों का बेशुमार खजाना मौजूद है। यह देश का एकमात्र राज्य है जहाँ हीरे का उत्पादन होता है। विशेष रूप से पन्ना जिले की मझगवां खदान से प्रतिवर्ष एक लाख कैरेट हीरे का उत्पादन होता है।
इसके अलावा छतरपुर के बंदर हीरा ब्लॉक में 34.2 मिलियन कैरेट हीरे का अनुमानित भंडार मौजूद है।
मलाजखंड तांबा खदान को देश की सबसे बड़ी तांबा खदान होने का गौरव प्राप्त है और देश के कुल तांबा भंडार का 70% हिस्सा यहीं से आता है।
मध्यप्रदेश अनेक बेशकीमती खनिजों का प्रचुर भंडार है।
देश के कुल उत्पादन का 30% मैंगनीज अकेला मध्यप्रदेश में पाया जाता है।
मध्यप्रदेश कॉपर, मैंगनीज और हीरा प्रोडक्शन में पहले स्थान पर है।
लाइमस्टोन के उत्पादन में मध्यप्रदेश तीसरे, कोयला उत्पादन में प्रदेश चौथे स्थान पर है।
रॉक फॉस्फेट, बॉक्साइट, डोलोमाइट, आयरन, ग्रेफाइट, गोल्ड, मार्बल, फ्लैगस्टोन, क्वार्ट्ज जैसे खनिजों का विशाल भंडार राज्य में है।
खनिज निधि का सामाजिक उपयोग
खनिज निधि का उपयोग मध्यप्रदेश में सामाजिक विकास के लिए भी किया जा रहा है।
जिला खनिज विभाग के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, महिला-बाल कल्याण, स्वच्छता और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में 16,452 परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं जिनमें से 7,583 पूरी हो चुकी हैं। इन परियोजनाओं ने स्थानीय समुदायों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कटनी माइनिंग कॉन्क्लेव और भविष्य की योजना
कटनी माइनिंग कॉन्क्लेव के जरिए मोहन सरकार निवेश को लेकर अपना बड़ा रोडमैप बना रही है जिससे अनेक कंपनियां भी सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर मध्यप्रदेश में निवेश करने में अपनी रूचि दिखा रही हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने खनिज राजस्व में 23% की वृद्धि दर्ज की, जो पहली बार 10,000 करोड़ रुपये को पार कर गया, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 4,958 करोड़ रुपये था।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में भी खनन क्षेत्र को प्रमुखता दी गई जिसमें अगले पाँच वर्षों में खनिज राजस्व को 11,000 करोड़ से बढ़ाकर 55,000 करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
मोहन सरकार का विजन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश खनन और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में उभरा है। खनिजों की प्रचुरता और राज्य सरकार की निवेश-अनुकूल नीतियों के कारण मध्यप्रदेश देश की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
मोहन सरकार का विजन है कि मध्यप्रदेश भारत की माइनिंग कैपिटल बने।
इसके लिए सरकार:
निवेशकों को आकर्षित करने
पारदर्शी और पर्यावरण-अनुकूल खनन प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने
आधुनिक तकनीकों और नवाचारों का उपयोग करने
पर विशेष ध्यान दे रही है।
मध्यप्रदेश की समृद्ध खनिज संपदा, नीतिगत सुधार और निवेश-अनुकूल वातावरण इसे देश के औद्योगिक और आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने की दिशा में अग्रसर कर रहे हैं।
अपनी प्रचुर खनिज संपदा, औद्योगिक नीतियों और रोजगार सृजन की भूमिका के साथ मध्यप्रदेश देश के आर्थिक परिदृश्य में एक नया अध्याय लिख रहा है।
मध्यप्रदेश अपने नवाचारों और नीतियों के माध्यम से न केवल खनन क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है बल्कि यह देश में एक मॉडल राज्य के रूप में भी उभर रहा है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)