ग्वालियर/भिंड, मुकेश शर्मा (वेब वार्ता) हाई कोर्ट ग्वालियर में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें प्रभारी सीएमओ सुरेंद्र शर्मा की नियुक्ति पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
अधिवक्ता अजीत भदौरिया ने याचिका में आरोप लगाया है कि सुरेंद्र शर्मा की भर्ती प्रारंभ में दैनिक वेतनभोगी के रूप में हुई थी। लेकिन उन्होंने प्रशासक से साठगांठ कर अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सीट को अनारक्षित कर अपनी नियुक्ति करवाई।
जाँच और कानूनी प्रक्रिया की मांग
अधिवक्ता भदौरिया ने अदालत को बताया कि सुरेंद्र शर्मा ने अपने पत्र में जिला स्तरीय चयन समिति को यह बताया कि वे साक्षात्कार में उपस्थित नहीं हुए, जो नियम के विरुद्ध है। इसके अलावा, उनकी क्रम सूची भी नियमों के खिलाफ है।
याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि सुरेंद्र शर्मा ने अपने रसूख का उपयोग करते हुए गोहद नगर पालिका का चार्ज संभाल लिया है, जबकि उन पर भिंड नगरपालिका में 3.40 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप भी है।
एफआईआर और अग्रिम जमानत
भदौरिया ने बताया कि सुरेंद्र शर्मा के खिलाफ भिंड कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा, हाईकोर्ट ग्वालियर द्वारा उनकी अग्रिम जमानत भी खारिज कर दी गई है। इसके बावजूद, शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करना जारी रखा है।
आगे क्या होगा?
हाई कोर्ट ग्वालियर ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सुरेंद्र शर्मा की नियुक्ति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण है कि न्यायालय इस मामले में क्या निर्णय लेता है और क्या सुरेंद्र शर्मा की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर कोई कार्रवाई होती है।