कोलकाता, (वेब वार्ता)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस की पुण्यतिथि पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही उन्होंने हाल ही में आई हिंदी फिल्म ‘केसरी चैप्टर 2’ के निर्माताओं की आलोचना की, जिनपर स्वतंत्रता सेनानियों का गलत और भ्रामक चित्रण करने का आरोप लगा है।
ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि फिल्म में खुदीराम बोस का नाम ‘खुदीराम सिंह’ और बारिंद्र कुमार घोष को अमृतसर निवासी ‘बिरेन्द्र कुमार’ के रूप में दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति अपमानजनक है। मुख्यमंत्री ने खुदीराम बोस को ‘देशभक्ति और सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक’ बताते हुए इस गलत प्रस्तुति की निंदा की।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “हमारे मेदिनीपुर के अजेय युवा क्रांतिकारी को पंजाब के लड़के के रूप में दिखाया गया है। यह असहनीय है। जो लोग स्वतंत्रता के लिए शहीद हुए, उनका अपमान क्यों किया जा रहा है? क्या अब ‘भाषा-आतंकवादी’ अमर क्रांतिकारी खुदीराम के नाम को भी तोड़-मरोड़ देंगे?”
ममता बनर्जी ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य सरकार ने खुदीराम बोस की विरासत को संजोने के लिए कई पहलें की हैं, जिनमें उनके जन्मस्थान महबनी और आस-पास के इलाकों का विकास महबनी विकास प्राधिकरण के तहत शामिल है। इसके अलावा, कोलकाता में एक मेट्रो स्टेशन का नाम भी खुदीराम बोस के नाम पर रखा गया है।
गौरतलब है कि जून माह में ‘केसरी चैप्टर 2’ के निर्माताओं के खिलाफ बिधाननगर साउथ थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है, जिसमें खुदीराम बोस का नाम गलत रूप में पेश किया गया है।
खुदीराम बोस देश के सबसे कम उम्र के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। उन्होंने 11 अगस्त 1908 को मात्र 18 वर्ष की आयु में मुजफ्फरपुर बम कांड में भूमिका निभाने के आरोप में फांसी भुगती थी। उनके बलिदान को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।