लखनऊ, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र इस वर्ष न केवल राजनीतिक दृष्टि से, बल्कि राज्य के विकास और नीति-निर्माण के दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक महत्व रखता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सत्र की शुरुआत से पहले कहा कि यह मानसून सत्र स्वतंत्रता के अमृत काल के तीसरे वर्ष में आयोजित हो रहा है और यह विकसित उत्तर प्रदेश के विज़न को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक कदम होगा।
आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना होगी प्रस्तुत
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस सत्र में सरकार अगले 25 वर्षों की व्यापक कार्ययोजना सदन के पटल पर रखेगी। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के विज़न से प्रेरित है। इसे नीति आयोग, विशेषज्ञों और समाज के सभी वर्गों की सहभागिता से तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा—
“2047 तक जब भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा, तब उत्तर प्रदेश भी ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ के रूप में तैयार होगा।”
13-14 अगस्त: 24 घंटे की विशेष चर्चा
इस विज़न डॉक्यूमेंट पर 13 और 14 अगस्त को 24 घंटे लगातार चर्चा होगी। सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने इस पर सहमति जताई है। विशेष बात यह है कि चर्चा केवल विधानसभा और विधान परिषद तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आम जनता की राय भी इसमें शामिल की जाएगी।
जनहित के मुद्दों पर जोर
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान बाढ़, जलजमाव, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, गरीब कल्याण, युवाओं के हित और समाज के सभी वर्गों के उत्थान से जुड़े विषयों पर गहन चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि प्रश्नकाल में विधायक और सदस्य जनहित से जुड़े मुद्दे उठाएंगे, जबकि शून्यकाल में तात्कालिक और महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श होगा।
सकारात्मक और रचनात्मक बहस की अपील
मुख्यमंत्री ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि वे नकारात्मक राजनीति से दूर रहकर विकासोन्मुखी चर्चा करें। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा—
“पहले भी जब हमने 36 घंटे की कार्यवाही बढ़ाई थी, तब सपा ने विरोध किया और असंसदीय भाषा का उपयोग किया। जनता अब ऐसे व्यवहार का जवाब स्वयं देगी।”
उत्तर प्रदेश विधानमंडल की उपलब्धियां
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानमंडल को देश का सबसे बड़ा विधानमंडल बताते हुए कहा कि यहां होने वाली चर्चाएं देश के लिए एक नजीर बनती हैं। पिछले साढ़े आठ वर्षों में विधानमंडल ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं और जनहित के मुद्दों पर सकारात्मक बहस की है।
विकास की दिशा में निरंतर प्रगति
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश ने विकास के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मानसून सत्र की कार्यवाही राज्य के 25 करोड़ नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने में मददगार साबित होगी।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश का यह मानसून सत्र केवल एक औपचारिक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि राज्य की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव है। आने वाले 25 वर्षों की विकास योजना पर गहन विचार-विमर्श और सभी वर्गों की सहभागिता से यह सत्र भविष्य की मजबूत नींव रख सकता है।