नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। कर्नाटक की मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बीच, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने उनसे शपथपत्र के माध्यम से विस्तृत जानकारी साझा करने को कहा है। निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे उन मतदाताओं के नाम, विवरण व प्रमाण सहित सूचीबद्ध जानकारी मांगी है, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया है कि उन्हें गलत तरीके से मतदाता सूची में शामिल किया गया है या फिर अवैध रूप से बाहर किया गया है।
🔎 राहुल गांधी के आरोपों की पृष्ठभूमि:
राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने दावा किया कि कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में करीब 1 लाख से अधिक मतों की चोरी हुई है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ एक गंभीर साजिश है और इससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा होता है।
उनके अनुसार, संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में:
11,965 मतदाता डुप्लीकेट हैं।
40,009 मतदाता ऐसे पते पर पंजीकृत हैं जो फर्जी या अवैध हैं।
10,452 मतदाता ऐसे हैं जिनके पते सामूहिक या एक जैसे हैं।
4,132 मतदाता ऐसे हैं जिनके फोटो अवैध या संदिग्ध हैं।
33,692 मतदाताओं के नाम गलत तरीके से फॉर्म 6 के माध्यम से जोड़े गए हैं।
🧾 निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया:
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के इस बयान को गंभीरता से लेते हुए मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के अंतर्गत एक वैधानिक प्रक्रिया के तहत उनसे हस्ताक्षरित घोषणा/शपथ पत्र मांगा है। आयोग ने कहा है कि:
“आपसे अनुरोध है कि कृपया उक्त शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर, उसमें उल्लिखित मतदाताओं के नाम सहित विवरण साझा करें, ताकि मामले की जांच कर उचित कार्यवाही की जा सके।”
सीईओ कार्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक शपथ पत्र प्राप्त नहीं होता, तब तक जांच प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती। उम्मीद जताई जा रही है कि राहुल गांधी आज शाम तक यह घोषणापत्र भेज देंगे।
⚖️ क्या कहते हैं चुनाव विशेषज्ञ?
चुनाव प्रक्रिया से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि यदि राहुल गांधी के दावे सही साबित होते हैं तो यह न केवल चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाएगा, बल्कि यह पूरे मतदाता पहचान प्रणाली के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
यदि इन दावों की पुष्टि हो जाती है तो संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में पुनः सत्यापन और संभावित पुनर्मतदान की भी स्थिति बन सकती है।
🧮 मतदाता सूची में फर्जीवाड़े के आरोप: एक राष्ट्रीय चुनौती
इस प्रकार की घटनाएं यह स्पष्ट करती हैं कि डिजिटल और आधार-संलग्न चुनाव प्रणाली की ओर बढ़ना आवश्यक है, जिससे किसी भी मतदाता की दोहरी प्रविष्टि, फर्जी पहचान या गलत पते जैसी समस्याओं से बचा जा सके।
📌 निष्कर्ष:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा उठाया गया यह मुद्दा अब केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि संवैधानिक महत्व का बन गया है। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो इससे चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है और संभावित रूप से विधानसभा क्षेत्र में पुनर्मूल्यांकन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग को भेजा गया शपथपत्र किस हद तक उनके आरोपों की पुष्टि करता है।
हमने कर्नाटक की एक विधानसभा महादेवापुरा क्षेत्र की जांच की और पाया कि यहां 1,00,250 वोटों की चोरी की गई। पांच तरीकों से ये फर्जी वोट लिस्ट में जोड़े गए।
▪️11,965 डुप्लीकेट वोटर बनाए गए
▪️40,009 फर्जी पतों का इस्तेमाल हुआ
▪️10,452 वोटर बड़ी संख्या में एक ही पते पर रजिस्टर किए… pic.twitter.com/GZPA04cDd9— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 7, 2025
राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप: लोकतंत्र के स्तंभों पर उठाए गंभीर सवाल