-भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क का पहला चरण लागू, दूसरा 27 अगस्त से आ जाएगा प्रभाव में
-ट्रंप के टैरिफ का वैश्विक असर शुरू: भारत समेत 60 देशों पर आयात शुल्क लागू
वाशिंगटन, (वेब वार्ता)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित व्यापक आयात टैरिफ नीति का असर अब वैश्विक स्तर पर दिखने लगा है। डगमगाती अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बीच ट्रंप प्रशासन ने 60 से अधिक देशों और यूरोपीय संघ के उत्पादों पर भारी आयात शुल्क लागू कर दिया है।
इस नीति का सबसे बड़ा प्रभाव भारत पर पड़ा है, जहां से अमेरिका को किए जाने वाले आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ का पहला चरण आज से प्रभावी हो गया है। दूसरा चरण 27 अगस्त से लागू होगा, जिसके बाद कुल शुल्क 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा, जो किसी भी देश पर लगाए गए सबसे अधिक टैरिफ में से एक है।
किस-किस देश पर कितना टैरिफ?
सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस ने टैरिफ की विस्तृत जानकारी साझा करते हुए बताया कि:
यूरोपीय संघ, जापान और दक्षिण कोरिया के उत्पादों पर 15% शुल्क
ताइवान, वियतनाम और बांग्लादेश से आयात पर 20% शुल्क
भारत पर विशेष रूप से 25% शुल्क, जो बाद में बढ़कर 50% तक पहुंचेगा
ट्रंप ने कहा कि यह नीति अमेरिका को नए निवेश दिलाएगी और ट्रेड बैलेंस सुधारने में मदद करेगी।
भारत को दोहरा झटका: तेल खरीद और सामान्य आयात पर टैरिफ
व्हाइट हाउस की घोषणा के मुताबिक, ट्रंप ने रूसी तेल की खरीद को लेकर भी भारत पर अलग से 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा। इसका मतलब यह है कि भारत के लिए कुल आयात शुल्क 50 प्रतिशत हो जाएगा।
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट “ट्रुथ सोशल” पर लिखा –
“आधी रात हो गई है!!! अरबों डॉलर के टैरिफ अब संयुक्त राज्य अमेरिका में आ रहे हैं!”
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर टैरिफ का नकारात्मक असर
हालांकि ट्रंप इस नीति को आर्थिक उछाल का जरिया मानते हैं, लेकिन आर्थिक विशेषज्ञों और डेटा का कहना है कि इसका उल्टा असर हो रहा है।
डायनेमिक इकोनॉमिक स्ट्रैटेजी के सीईओ जॉन सिल्विया के अनुसार:
अप्रैल से ही रोजगार दर घट रही है
मुद्रास्फीति बढ़ी है
फैक्टरी उत्पादन और मजदूरी में गिरावट दर्ज की गई है
कंपनियाँ नए कर्मचारियों की भर्ती में हिचक रही हैं
उन्होंने कहा,
“कम उत्पादक अर्थव्यवस्था में टैरिफ वेतन को और कम कर देते हैं। इसका असल असर वर्षों में दिखेगा।”
ट्रेड बैलेंस बिगड़ा, निर्माण खर्च घटा
2024 की तुलना में अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट 38% अधिक हो गया है, जो वर्ष की पहली छमाही में 582.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
कुल निर्माण व्यय में भी 2.9% की गिरावट आई है, जिससे फैक्ट्री मज़दूरों के सामने बेरोज़गारी का खतरा मंडरा रहा है।
100% टैरिफ की ओर बढ़े कंप्यूटर चिप्स, कानूनी चुनौती
सबसे बड़ा झटका यह है कि ट्रंप ने कंप्यूटर चिप्स जैसे अत्यावश्यक उत्पादों पर 100% आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है।
इसके लिए उन्होंने 1977 के एक आर्थिक आपातकाल कानून का सहारा लिया है, जिसकी अमेरिकी अदालतों में कानूनी वैधता को चुनौती दी जा रही है।
पूर्व हाउस स्पीकर पॉल रयान और रेचल वेस्ट जैसे आर्थिक विशेषज्ञों ने इस पर सवाल उठाए हैं। रेचल ने कहा:
“एक व्यक्ति है जो अनिश्चितता को लेकर लापरवाह हो सकता है — और वो है डोनाल्ड ट्रंप। बाकी अमेरिकी पहले से ही इसकी कीमत चुका रहे हैं।”