नेपीता, 07 अगस्त (वेब वार्ता)।
म्यांमार के पूर्व कार्यवाहक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति यू म्यिंट स्वे का 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने गुरुवार सुबह 8:28 बजे नेपीता के सैन्य अस्पताल नंबर-2 में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। म्यांमार की नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी काउंसिल ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
🕊️ राजनीतिक जीवन की शुरुआत सेना से
यू म्यिंट स्वे का जीवन म्यांमार के सैन्य और राजनीतिक दोनों क्षेत्रों में गहराई से जुड़ा रहा।
वर्ष 1973 से 2010 तक वे म्यांमार की सेना में सक्रिय रहे। 1997 में उन्हें ब्रिगेडियर जनरल के रूप में पदोन्नत किया गया और उन्होंने लाइट इन्फैंट्री डिवीजन-11 की कमान संभाली।
बाद में उन्हें दक्षिण-पूर्वी कमान और फिर यांगून कमान का नेतृत्व सौंपा गया। यहीं से उनके राजनीतिक सफर की पृष्ठभूमि तैयार हुई।
🏛️ मुख्यमंत्री से उपराष्ट्रपति तक का सफर
सेना से रिटायर होने के बाद, 2011 से 2016 तक वे यांगून क्षेत्र के मुख्यमंत्री रहे।
इसके बाद उन्होंने मार्च 2016 में म्यांमार के उपराष्ट्रपति का पद संभाला और इस पद पर 9 वर्ष और 129 दिन तक कार्यरत रहे।
इस दौरान उन्होंने दो बार कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका निभाई —
पहली बार मार्च 2018 में राष्ट्रपति हतिन क्याव के इस्तीफे के बाद,
और दूसरी बार 1 फरवरी 2021 से जब सेना ने लोकतांत्रिक सरकार का तख्तापलट कर आपातकाल घोषित कर दिया।
⚠️ 2021 का तख्तापलट और यू म्यिंट स्वे की भूमिका
2021 में जब सेना ने म्यांमार में सत्ता पलट दी, तो यू म्यिंट स्वे ने औपचारिक रूप से आपातकाल की घोषणा करते हुए जनरल मिन आंग ह्लाइंग को आपातकालीन शक्तियां सौंपीं। इस फैसले ने देश को राजनीतिक संकट में धकेल दिया और इसके बाद लंबे समय तक जनविरोध, दमन और हिंसा का दौर चला।
स्वे की भूमिका इस तख्तापलट में बेहद महत्वपूर्ण और निर्णायक मानी जाती है। उनके इस फैसले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना भी हुई।
🩺 अंतिम समय और बीमारी
जुलाई 2024 से ही यू म्यिंट स्वे मेडिकल लीव पर थे।
स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के चलते वह सार्वजनिक जीवन से दूर हो गए थे। आज, 07 अगस्त को उनका निधन 74 वर्ष की आयु में हुआ। उनका अंतिम संस्कार पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
🔍 यू म्यिंट स्वे की विरासत
सेना के रणनीतिक पदों पर रहते हुए उन्होंने देश के अंदर और सीमाओं पर कई अभियानों का नेतृत्व किया।
2007 की भगवा क्रांति के दमन में उनकी भूमिका विवादास्पद रही।
2002 में जनरल ने विन के परिवार की गिरफ्तारी जैसे निर्णयों में भी वह प्रमुख किरदार रहे।
यू म्यिंट स्वे का जीवन एक सैन्य अधिकारी, प्रशासक और राजनेता के रूप में अनेक विवादों और निर्णयों से भरा रहा, जिसने म्यांमार के लोकतंत्र, राजनीति और सेना के समीकरणों को गहराई से प्रभावित किया।
📝 निष्कर्ष
यू म्यिंट स्वे का निधन न सिर्फ म्यांमार की राजनीति के लिए, बल्कि दक्षिण एशियाई कूटनीति के लिए भी एक बड़ा घटनाक्रम है।
उनका जीवन सैन्य अनुशासन, राजनीतिक परिवर्तन और तख्तापलट जैसे अध्यायों से भरा रहा, जो म्यांमार के इतिहास में एक विवादास्पद किंतु निर्णायक भूमिका के रूप में याद किया जाएगा।