Saturday, October 4, 2025
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मोटरसाइकिल चालक ने हेलमेट की जगह पहना दूध की टंकी का ढक्कन, प्रशासन ने पेट्रोल पंप सील किया

इंदौर, (वेब वार्ता)। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर से एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है, जिसने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। एक मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति ने सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते हुए हेलमेट की जगह दूध की टंकी का ढक्कन सिर पर पहनकर पेट्रोल भरवाया। इस हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए संबंधित पेट्रोल पंप को सील कर दिया है।


📹 वायरल वीडियो से खुला मामला

यह घटना इंदौर के पालदा क्षेत्र स्थित एक पेट्रोल पंप की है, जहां दूध बेचने वाले एक व्यक्ति ने अपनी मोटरसाइकिल पर रखी लोहे की दूध टंकी का ढक्कन निकालकर हेलमेट की तरह पहन लिया और पेट्रोल भरवाने पहुंच गया। पेट्रोल पंप की महिला कर्मचारी ने भी उसकी इस हरकत को नजरअंदाज करते हुए उसे पेट्रोल भर दिया।

इस दौरान किसी राहगीर ने इस घटना का वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वीडियो के वायरल होते ही प्रशासन की किरकिरी शुरू हो गई और लोगों ने इस पर तरह-तरह के मीम्स और मजाक बनाना शुरू कर दिया।


🔍 प्रशासन ने की जांच, पंप सील

तहसीलदार एसएस जारोलिया ने बताया, “सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जांच की गई और पाया गया कि यह घटना सत्य है।” प्रशासन ने यह स्पष्ट किया कि “हेलमेट नहीं, तो पेट्रोल नहीं” आदेश का उल्लंघन हुआ है और इसके तहत पेट्रोल पंप को तुरंत सील कर दिया गया।


📜 सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और प्रशासन का आदेश

गौरतलब है कि 29 जुलाई को इंदौर में उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और पूर्व न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे ने एक बैठक में सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर निर्देश दिए थे। इसके तहत प्रशासन ने 30 जुलाई को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत आदेश जारी किया था कि बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं दिया जाएगा।


⚖️ क्या कहता है कानून?

इस आदेश के उल्लंघन पर पेट्रोल पंप के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसे:

  • एक वर्ष तक का कारावास, या

  • ₹5,000 तक का जुर्माना, या

  • दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।


📢 संदेश साफ है: सुरक्षा से समझौता नहीं

यह घटना सिर्फ मजाक नहीं, बल्कि एक गंभीर चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा के नियमों की अनदेखी केवल खुद को ही नहीं, समाज को भी खतरे में डाल सकती है। प्रशासन का यह कदम यह बताता है कि ‘हेलमेट नहीं, तो पेट्रोल नहीं’ जैसे आदेशों को अब सिर्फ कागज़ों पर नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी लागू किया जा रहा है।

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