Thursday, August 7, 2025
Homeमहानगरदिल्ली-एनसीआरदिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने 'फांसी घर' को बताया 'टिफिन रूम', मीडियाकर्मियों को...

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने ‘फांसी घर’ को बताया ‘टिफिन रूम’, मीडियाकर्मियों को कराया दौरा

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली विधानसभा में ‘फांसी घर’ को लेकर मचे विवाद के बीच विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मीडिया के प्रतिनिधियों को कथित ‘फांसी घर’ का दौरा कराया। इस दौरे के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि यह स्थान दरअसल कोई फांसीघर नहीं बल्कि एक ‘टिफिन रूम’ था, जिसका उपयोग ब्रिटिश शासन के दौरान खानपान और विश्राम के लिए किया जाता था।

🎙️ ऐतिहासिक इमारत, ऐतिहासिक भ्रम

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 1911 में जब दिल्ली को ब्रिटिश भारत की राजधानी बनाया गया था, तभी इस ऐतिहासिक दिल्ली विधानसभा भवन का निर्माण केवल आठ महीनों में पूरा किया गया। उस समय यह इमारत “इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल” के रूप में कार्यरत थी।

उन्होंने बताया कि इस भवन में दो ऐसे कमरे थे जिन्हें ‘टिफिन रूम’ कहा जाता था, और ये पुली-चालित लिफ्ट की सहायता से ऊपर-नीचे किए जाते थे। इन कमरों का कोई संबंध फांसी या स्वतंत्रता सेनानियों को दी जाने वाली सजाओं से नहीं था।

🗺️ नक्शा है प्रमाण

गुप्ता ने कहा कि इस ऐतिहासिक इमारत का मूल नक्शा राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives of India) में सुरक्षित रखा गया है, जिसमें भवन के हर कमरे और उसके उपयोग का स्पष्ट विवरण मौजूद है। उन्होंने मीडिया को आश्वस्त किया कि कोई भी व्यक्ति चाहे तो इस नक्शे को देखकर सच्चाई को समझ सकता है।

🔥 विवाद की पृष्ठभूमि

गौरतलब है कि 9 अगस्त 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस कथित ‘फांसी घर’ का उद्घाटन किया था। उसके बाद से ही इसे एक ऐतिहासिक स्थान बताकर प्रचारित किया जा रहा था, जिसे आप (AAP) सरकार द्वारा ब्रिटिश काल में स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी देने का स्थल बताया गया।

मंगलवार को विधानसभा में इस विषय पर हुई बहस के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने आप पार्टी पर इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की गई, जबकि सच्चाई इससे बिलकुल अलग है।

🗣️ राजनीति बनाम तथ्य

यह पूरा विवाद अब राजनीति और ऐतिहासिक तथ्यों के बीच टकराव का रूप ले चुका है। एक ओर जहां सत्ताधारी दल इसे ऐतिहासिक स्थल मानता है, वहीं विधानसभा अध्यक्ष और विपक्ष इस दावे को झूठा और भ्रामक बता रहे हैं।

📚 जनता को जानने का अधिकार

विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इतिहास को सही रूप में जनता के सामने लाना बेहद जरूरी है। उन्होंने मीडिया को मौके पर ले जाकर उस स्थान की वास्तविक स्थिति दिखाई और तथ्यों के आधार पर स्थिति स्पष्ट की।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments