नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर अत्याधुनिक कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया। यह उद्घाटन एक ऐसे भवन का था जिसे भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक छत के नीचे लाकर प्रशासनिक दक्षता, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निर्मित किया गया है।
🏢 क्या है कर्तव्य भवन-3 की खासियत?
कर्तव्य भवन-3 एक अत्याधुनिक कार्यालय परिसर है जो लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है। यह दो बेसमेंट, भूतल और सात मंजिलों वाला संरचनात्मक चमत्कार है। यह भवन ऊर्जा दक्षता, पर्यावरण संरक्षण और स्मार्ट गवर्नेंस के सभी मानकों पर खरा उतरता है।
✔️ तकनीकी विशेषताएं:
30% कम ऊर्जा खपत के लिए डिज़ाइन
विशेष कांच की खिड़कियां जो गर्मी और ध्वनि को नियंत्रित करती हैं
जीरो डिस्चार्ज वेस्ट मैनेजमेंट
आंतरिक ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण प्रणाली
अत्याधुनिक आईटी नेटवर्किंग और स्मार्ट कार्यालय सिस्टम
👥 कौन-कौन से मंत्रालय होंगे इसमें शामिल?
कर्तव्य भवन-3 में भारत सरकार के कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों और विभागों के कार्यालय होंगे, जिनमें शामिल हैं:
गृह मंत्रालय
विदेश मंत्रालय
ग्रामीण विकास मंत्रालय
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT)
MSME मंत्रालय
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) का कार्यालय
🔧 प्रशासनिक सुधार का आधार
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन सेंट्रल विस्टा परियोजना के अंतर्गत होने वाले विस्तृत प्रशासनिक सुधारों का हिस्सा है। यह भवन आगामी कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरियट परिसर की श्रृंखला में पहला है, जो मंत्रालयों के बीच आपसी समन्वय को बढ़ाने और बेहतर नीति क्रियान्वयन को सक्षम करेगा।
🗣️ पीएम मोदी का संबोधन
कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन कार्यक्रम संपन्न होने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी शाम 6:30 बजे एक सार्वजनिक कार्यक्रम में इस विषय पर विस्तार से संबोधित करेंगे। उनके संबोधन में “नए भारत के प्रशासनिक स्वरूप” और “डिजिटल गवर्नेंस” पर भी चर्चा होने की संभावना है।
🏛️ कर्तव्य पथ से सेंट्रल विस्टा तक
कर्तव्य भवन-3 केवल एक इमारत नहीं बल्कि ‘नए भारत’ के सुशासन का प्रतीक है। यह भवन उस परिवर्तनशील सोच का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें सुशासन, पारदर्शिता और पर्यावरणीय संतुलन तीनों का सामंजस्य है। इसका उद्देश्य न केवल मंत्रालयों को एक साथ लाना है, बल्कि प्रशासन में चुस्ती, पारदर्शिता और गति को भी प्रोत्साहित करना है।