देहरादून, (वेब वार्ता)। उत्तराखंड आपदा: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में हाल ही में बादल फटने की घटना के बाद उत्पन्न आपदा की भयावह स्थिति का जायजा लेने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को प्रभावित क्षेत्र धराली का हवाई निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को तत्काल और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर निरीक्षण का वीडियो साझा किया, जिसमें वे हेलीकॉप्टर से पूरे इलाके की स्थिति का जायजा लेते नजर आ रहे हैं। उन्होंने लिखा,
“उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र के निरीक्षण के लिए रवाना हो रहा हूं। राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। प्रभावितों को शीघ्र एवं समुचित सहायता पहुंचाने हेतु हम पूर्ण सतर्कता एवं तत्परता के साथ कार्यरत हैं।”
पीएम मोदी ने भी की बात
आपदा की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात कर धराली में चल रहे राहत कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा,
“प्रधानमंत्री मोदी ने फ़ोन पर चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्हें रेस्क्यू, राहत और आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। हम उनके सहयोग और संवेदनशीलता के लिए आभार प्रकट करते हैं।”
अधिकारियों को दिए गए निर्देश
मुख्यमंत्री ने आपदा के अगले ही दिन वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि उत्तराखंड सरकार हर नागरिक के साथ इस कठिन समय में खड़ी है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया,
“हमारे लिए हर एक जीवन मूल्यवान है। अब तक 80 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। राहत कार्यों के लिए वायुसेना की मदद भी ली जा रही है। मैं स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण करूंगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि शासन स्तर पर तीन वरिष्ठ अधिकारियों को राहत कार्यों की निगरानी के लिए विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।
धराली में मची तबाही
5 अगस्त को उत्तरकाशी के हर्षिल क्षेत्र में स्थित धराली गांव में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा में एक पूरा गांव मिट्टी और मलबे में समा गया।
अचानक पानी का स्तर बढ़ने से कई लोग लापता हो गए और बाजार क्षेत्र में व्यापक नुकसान हुआ। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, सेना और जिला प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर लगातार कार्यरत हैं। राहत शिविरों में पीड़ितों को स्थानांतरित किया गया है और चिकित्सा सहायता दी जा रही है।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जा रही है, साथ ही मौसम विभाग के अलर्ट को ध्यान में रखते हुए सतर्कता और भी बढ़ा दी गई है।