रोहतक, रजनीकांत चौधरी (वेब वार्ता)। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा रोहतक के अंबेडकर चौक स्थित मॉडल स्कूल में किशोर विद्यार्थियों के लिए एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार का विषय था — “यौवन को समझना और ऑनलाइन बातचीत की जटिलताओं से निपटना”। कार्यक्रम का उद्देश्य था किशोरावस्था में मानसिक, भावनात्मक और डिजिटल चुनौतियों के प्रति बच्चों को जागरूक करना।
यौवन – शारीरिक और मानसिक परिवर्तन का दौर
सेमिनार को संबोधित करते हुए राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि किशोरावस्था वह समय है जब शरीर, मन और भावनाएं तीव्रता से बदलती हैं। इस समय प्रोटीन युक्त आहार, व्यायाम, पर्याप्त नींद और रचनात्मक सक्रियता आवश्यक होती है। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष बल देते हुए कहा कि मन की जिज्ञासाओं को विश्वसनीय व्यक्तियों के साथ साझा करना चाहिए।
“यौवन का दौर बेहद संवेदनशील होता है। सही मार्गदर्शन से किशोर सही दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।” – अनिल मलिक
ऑनलाइन दुनिया की जटिलताएं – सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
ऑनलाइन चैटिंग, सोशल मीडिया और डिजिटल ऐप्स के खतरों से अवगत कराते हुए अनिल मलिक ने साइबर बुलिंग, ऑनलाइन उत्पीड़न और फेक रिलेशनशिप्स से सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने बच्चों को स्क्रीन टाइम को सीमित रखने, निजी जानकारी साझा न करने और अजनबियों से सतर्क रहने का आह्वान किया।
“हर अजनबी दुराचारी नहीं होता, लेकिन हर दुराचारी पहले अजनबी ही होता है।” – अनिल मलिक
निरंतर संवाद से मिलेगी सुरक्षा की राह
परामर्शदाता नीरज कुमार ने कहा कि किशोरों से लगातार संवाद करना, उन्हें सुनना और समझना आवश्यक है। निरंतर संवाद, सही मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है।
शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका भी अहम
सेमिनार की संयुक्त अध्यक्षता जिला बाल कल्याण अधिकारी सोमदत्त खुंडिया और स्कूल प्रिंसिपल अरुणा तनेजा ने की। दोनों ने कहा कि मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाएं किशोरों की मानसिक जिज्ञासाओं को दिशा देने में सहायक हो सकती हैं। उन्होंने ऐसी पहल की निरंतरता बनाए रखने पर जोर दिया।
उपस्थित अधिकारीगण
इस कार्यक्रम में अनीता हुड्डा, सुषमा, राज्य बाल कल्याण अधिकारीगण, शिक्षकगण, और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।