रोहतक/सिरसा, (वेब वार्ता)। बलात्कार और हत्या के मामलों में उम्रकैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को एक बार फिर से 40 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया है। यह 14वीं बार है जब राम रहीम को जेल से अस्थायी तौर पर बाहर आने की अनुमति मिली है। शनिवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राम रहीम को रोहतक की सुनारिया जेल से रिहा किया गया, जिसके बाद वह सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय रवाना हुआ।
🚨 जेल से बाहर निकलते ही बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था
राम रहीम की रिहाई को देखते हुए सिरसा में प्रशासन ने सख्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं। डेरा परिसर और उसके आसपास के इलाकों में अर्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की टीमें तैनात की गई हैं। पूरे क्षेत्र में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है और CCTV निगरानी तेज कर दी गई है।
🕯️ डेरा में सत्संग की तैयारी शुरू
सूत्रों के मुताबिक, राम रहीम के डेरा में पहुंचने के बाद ऑनलाइन सत्संग और प्रवचन की तैयारियां भी तेज़ी से शुरू हो गई हैं। पिछले मौकों की तरह इस बार भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विशेष प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकता है, जिसे डेरा अनुयायी बड़े स्तर पर देखते हैं।
📋 अब तक कितनी बार मिली पैरोल/फरलो: पूरी सूची
गुरमीत राम रहीम को 2020 से अब तक 13 बार पैरोल या फरलो दी जा चुकी है। यह 14वीं बार है जब उन्हें अस्थायी रिहाई मिली है।
क्रम संख्या | वर्ष | प्रकार | अवधि (दिन) |
---|---|---|---|
1 | जून 2020 | फरलो | 21 |
2 | फरवरी 2022 | फरलो | 21 |
3 | जून 2022 | पैरोल | 30 |
4 | अक्टूबर 2022 | पैरोल | 40 |
5 | जनवरी 2023 | पैरोल | 40 |
6 | जुलाई 2023 | फरलो | 30 |
7 | नवम्बर 2023 | पैरोल | 21 |
8 | फरवरी 2024 | पैरोल | 30 |
9 | अप्रैल 2024 | फरलो | 21 |
10 | जून 2024 | पैरोल | 20 |
11 | जुलाई 2024 | पैरोल | 40 |
12 | अगस्त 2024 | फरलो | 21 |
13 | मई 2025 | पैरोल | 30 |
14 | अगस्त 2025 | पैरोल | 40 |
नोट: सभी तिथियां मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं और आधिकारिक पुष्टि से अलग हो सकती हैं।
⚖️ गंभीर आरोप और सजा
राम रहीम को 2017 में दो साध्वियों से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था। इसके अलावा 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या में भी उन्हें उम्रकैद की सजा मिली है। साथ ही एक अनुयायी को जबरन नपुंसक बनाने के मामले में भी वह दोषी पाए गए थे।
🗳️ राजनीतिक बहस भी तेज
हर बार की तरह इस बार भी राम रहीम की पैरोल को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि यह कदम राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से उठाया गया है, खासतौर पर जब हरियाणा में उपचुनावों की चर्चाएं चल रही हैं। विपक्ष का कहना है कि डेरा सच्चा सौदा का समर्थन पाने के लिए यह एक रणनीतिक चाल हो सकती है।
🔍 निष्कर्ष
गुरमीत राम रहीम की बार-बार पैरोल और फरलो पर रिहाई न सिर्फ कानूनी, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का भी विषय बनती जा रही है। ऐसे मामलों में पारदर्शिता और नियमों का पालन लोकतंत्र की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है।