देहरादून, (वेब वार्ता)। उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से गंगा, यमुना, अलकनंदा, सरयू और गोमती जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। साथ ही, पहाड़ी क्षेत्रों के गाड-गधेरों में उफान से हालात और भी गंभीर होते जा रहे हैं। इसके चलते जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन और पुलिस विभाग अलर्ट मोड पर हैं और लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।
⛈️ देहरादून और पहाड़ी जिलों में हालात चिंताजनक
रविवार देर शाम से शुरू हुई मूसलाधार बारिश के चलते देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और चमोली जैसे पहाड़ी जिलों में जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर से गुजरने वाली तमसा नदी में भी जलप्रवाह तीव्र गति से बढ़ा है। नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, दून विहार वार्ड-6 में भारी बारिश से कुछ मकानों के पास की दीवारें ढह गईं, जिससे प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
🛟 एसडीआरएफ की तत्परता से टली बड़ी दुर्घटना
देहरादून के प्रेमनगर इलाके में तीन लोग नदी की तेज धाराओं में फंस गए थे, जिन्हें एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) ने समय रहते सुरक्षित निकाल लिया। प्रशासन द्वारा लगातार ड्रोन व लाउडहेलर की मदद से निगरानी की जा रही है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन श्रद्धालुओं को गंगा घाटों व अन्य नदियों के किनारे न जाने की सलाह दे रहे हैं।
🧘♀️ ऋषिकेश में श्रद्धालुओं को चेतावनी
ऋषिकेश में गंगा घाटों पर पुलिस द्वारा तैनात टीमें लगातार श्रद्धालुओं को सतर्क कर रही हैं। घाटों पर लाउडस्पीकर से सावधानी बरतने के निर्देश दिए जा रहे हैं और स्नान करने वालों को नदी के बीच में न जाने की चेतावनी दी जा रही है। संभावित खतरे को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट लेवल बढ़ा दिया है।
📢 प्रशासन का सतर्क अभियान
सभी थाना क्षेत्रों में पुलिस और राहत टीमें गश्त कर रही हैं। जिन इलाकों में नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। साथ ही, आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की संभावना को देखते हुए राहत व बचाव दल पूरी तरह मुस्तैद हैं।