-उत्तर प्रदेश बाढ़ 2025: योगी सरकार की राहत कार्य योजना
लखनऊ, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ी है। राज्य के 17 जिलों में बाढ़ से 1.16 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 25 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें राहत कार्यों में मुस्तैदी से जुटी हुई हैं।
तेजी से चल रहा है राहत अभियान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड में कार्य करने के निर्देश दिए हैं। राज्यभर में एनडीआरएफ की 14, एसडीआरएफ की 15, और पीएसी की 48 टीमों को तैनात किया गया है।
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने जानकारी दी कि बाढ़ के कारण 694 गांव प्रभावित हैं और 11,386 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है।
बचाव के लिए नावें और मोटरबोट्स तैनात
बचाव कार्यों के लिए 738 नावें और मोटरबोट्स सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं, जबकि 4,867 नावें प्री-पोजिशन्ड रखी गई हैं।
खाद्यान्न और भोजन वितरण
9,467 खाद्यान्न पैकेट
1,18,769 लंच पैकेट
39 लंगर शिविरों से भोजन वितरण
बाढ़ पीड़ितों को लगातार भोजन और अन्य जरूरी सामग्री दी जा रही है।
मवेशियों और स्वास्थ्य पर भी ध्यान
2,234 क्विंटल भूसा मवेशियों के लिए वितरित
1,57,168 क्लोरीन टेबलेट और 1,21,476 ओआरएस पैकेट स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्रदान
924 बाढ़ शरणालयों में 18,772 लोग ठहरे हुए
778 मेडिकल टीमों द्वारा मेडिकल चेकअप
बाढ़ चौकियों की निगरानी और पेट्रोलिंग
1,193 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी द्वारा लगातार गश्त
बाढ़ से प्रभावित जिले
इन 17 जिलों में बाढ़ का सबसे ज्यादा प्रभाव देखा गया है:
कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाज़ीपुर, मीरजापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा, फतेहपुर।