नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। तमिलनाडु के मयिलादुथुराई से लोकसभा सांसद आर. सुधा के साथ राष्ट्रीय राजधानी में चेन स्नैचिंग की शर्मनाक वारदात सामने आई है। यह घटना 4 अगस्त की सुबह पोलैंड दूतावास के पास हुई, जहां स्कूटी सवार एक बदमाश ने उनकी सोने की चेन झपट ली और फरार हो गया। इस घटना के बाद सांसद सुधा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जताई है।
क्या हुआ उस सुबह?
सांसद सुधा पिछले एक साल से तमिलनाडु हाउस, नई दिल्ली (कमरा 301) में रह रही हैं क्योंकि उन्हें अब तक आधिकारिक आवास नहीं मिला है। रोज़मर्रा की तरह, 4 अगस्त की सुबह करीब 6 बजे वह राज्यसभा की एक अन्य सांसद रजती के साथ सैर के लिए निकली थीं। जब वे पोलैंड दूतावास के गेट नंबर-3 और 4 के पास पहुंचीं, तभी एक हेलमेट पहने स्कूटी सवार ने धीरे-धीरे नजदीक आकर उनकी चेन झपट ली।
इस झपटमारी के दौरान सुधा की गर्दन पर चोट के निशान भी आए। वह गिरने से तो बच गईं, लेकिन घटना से बेहद स्तब्ध और असुरक्षित महसूस कर रहीं हैं।
गृह मंत्री को लिखा पत्र
घटना के तुरंत बाद सांसद सुधा और उनकी साथी सांसद को दिल्ली पुलिस की एक गश्ती वैन मिली, जिसे उन्होंने जानकारी दी। पुलिस ने उन्हें संबंधित थाने में जाकर लिखित शिकायत देने की सलाह दी। इसके बाद सुधा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर अपनी आपबीती साझा की और मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की।
पत्र में उन्होंने लिखा:
“मैं राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचित सांसद होने के नाते नियमित रूप से संसदीय कार्यों में भाग लेती हूँ, लेकिन इस घटना ने मेरी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सांसदों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रोटोकॉल तैयार किए जाएं।”
राजधानी में सांसद भी नहीं सुरक्षित?
यह घटना न केवल एक सांसद पर हमला है, बल्कि यह दर्शाती है कि दिल्ली की सड़कों पर आम और खास — कोई भी सुरक्षित नहीं है।
एक तरफ संसद सत्र चल रहा है, दूसरी तरफ सांसदों को असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है, जिससे कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और पुलिस की भूमिका
इस घटना को लेकर तमिलनाडु के कई नेताओं ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, दिल्ली पुलिस से संपर्क करने पर उन्होंने मामले की जांच जारी होने की बात कही है।
पुलिस के मुताबिक इलाके के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं और स्कूटी की पहचान करने की कोशिश हो रही है। साथ ही, गश्ती की संख्या बढ़ाने और सांसदों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है।




