नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। 2008 के मालेगांव बम धमाके मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है। इनमें प्रमुख रूप से भाजपा की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित शामिल थे। फैसले के बाद साध्वी प्रज्ञा का पहला रिएक्शन सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि “कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद को जन्म दिया और अब उसका मुंह काला हो गया है।”
साध्वी प्रज्ञा का बयान:
साध्वी प्रज्ञा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“भगवा आतंकवाद और हिन्दू आतंकवाद के जन्मदाता कांग्रेस सहित सभी विधर्मियों का मुंह हुआ काला। भगवा, हिंदुत्व और सनातन की विजय पर समस्त सनातनियों और देशभक्तों का हुआ बोलबाला। बहुत-बहुत बधाई। जय हिन्दूराष्ट्र, जय श्री राम।”
कोर्ट का फैसला:
31 जुलाई 2024 को आए फैसले में एनआईए कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में असफल रहा।
अदालत ने कहा कि बम रखने की जिम्मेदारी साबित नहीं हुई, न ही यह सिद्ध हो पाया कि मोटरसाइकिल साध्वी प्रज्ञा की थी या कर्नल पुरोहित ने बम रखा था।
अदालत ने सभी सात आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
भावुक हुईं साध्वी प्रज्ञा:
फैसले के दिन कोर्ट में मौजूद साध्वी प्रज्ञा फूट-फूट कर रो पड़ीं।
उन्होंने कहा,
“मुझे 13 दिन तक टॉर्चर किया गया। मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई। 17 साल तक मेरा अपमान हुआ। मुझे आतंकवादी कहा गया। एक संन्यासी होने के कारण ही मैं आज जीवित हूं।”
हिंदुत्व की जीत का दावा:
साध्वी प्रज्ञा ने कहा,
“भगवा को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की गई थी। लेकिन आज न्याय की जीत हुई है। हिंदुत्व जीत गया है। जिन्होंने भगवा को आतंकवाद से जोड़ा, उन्हें कभी माफ नहीं किया जाएगा।”
मालेगांव धमाका: क्या हुआ था?
तारीख: 29 सितंबर, 2008
स्थान: मालेगांव, नासिक जिला (महाराष्ट्र)
विवरण:
रमजान के महीने में, भिक्कू चौक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बम बांधकर विस्फोट किया गया।मृतक: 6
घायल: 100 से अधिक
मामले की कानूनी यात्रा:
शुरुआत में ATS (एंटी टेरेरिज्म स्क्वॉड) ने जांच की, बाद में मामला NIA को सौंपा गया।
2009 से अब तक मामला अदालत में लंबित था।
साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित लंबे समय तक जेल में रहे, बाद में उन्हें जमानत मिली।
कोर्ट ने अब सभी को बरी कर दिया है।
राजनीतिक बयानबाजी और नई बहस:
इस फैसले के बाद हिंदुत्व बनाम हिंदू आतंकवाद की बहस फिर से शुरू हो गई है।
साध्वी प्रज्ञा का बयान राजनीतिक हलकों में कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक रुख को दर्शाता है।
इस बयानबाजी से आगामी विधानसभा चुनावों में भी प्रभाव पड़ सकता है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया अभी प्रतीक्षित:
इस मामले पर अब तक कांग्रेस या अन्य विपक्षी दलों की कोई विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक बहस तेज होना तय है।