इंदौर, (वेब वार्ता)। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू कराने की दिशा में प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए ‘हेलमेट नहीं, तो पेट्रोल नहीं’ के आदेश का उल्लंघन करने वाले एक पेट्रोल पंप को सील कर दिया। यह आदेश शुक्रवार से प्रभाव में आया था और उसी दिन पहली कार्रवाई कर दी गई।
🚨 आदेश का उल्लंघन और कार्रवाई
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि अरंडिया बाईपास स्थित एक पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट पहने दोपहिया चालकों को पेट्रोल दिया जा रहा था। न सिर्फ यह आदेश का उल्लंघन था, बल्कि पेट्रोल पंप परिसर में हेलमेट से संबंधित कोई चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगाया गया था। इस गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने पेट्रोल पंप को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया।
👮 विशेष निरीक्षण दल सक्रिय
जिले में आदेश के पालन की निगरानी के लिए एसडीएम (अनुविभागीय दंडाधिकारी) के नेतृत्व में विशेष दल बनाए गए हैं, जो पेट्रोल पंपों का निरीक्षण कर रहे हैं। इन दलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि बिना हेलमेट पहने व्यक्ति को पेट्रोल न दिया जाए और सभी पंपों पर स्पष्ट सूचना-पट्ट लगाए जाएं।
⚖️ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और कानूनी आधार
यह आदेश उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और पूर्व न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद जारी किया गया। बैठक में प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि सड़क सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन करवाया जाए।
इसके बाद, प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत ‘हेलमेट नहीं, तो पेट्रोल नहीं’ का आदेश जारी किया। इस प्रावधान के अनुसार, उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को एक वर्ष तक का कारावास या 5,000 रुपये का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं।
📣 उद्देश्य और जागरूकता
प्रशासन का यह कदम लोगों को हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित करने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। यह अभियान न सिर्फ एक आदेश है, बल्कि एक जन-जागरूकता अभियान भी है, जो नागरिकों की जान बचाने की दिशा में अहम भूमिका निभा सकता है।
📌 निष्कर्ष
‘हेलमेट नहीं, तो पेट्रोल नहीं’ जैसे कड़े आदेश और उसके सख्त अनुपालन से यह स्पष्ट है कि अब शासन सड़क सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। प्रशासन की इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि नियम तोड़ने वालों पर अब कठोर दंड का प्रावधान रहेगा और सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।