लखनऊ, मुकेश शर्मा (वेब वार्ता)। आज़ादी की लड़ाई का अमर अध्याय — काकोरी ट्रेन एक्शन — अपनी शताब्दी वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर को ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सृजनात्मक स्वरूप देते हुए इस बार 19वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल पहली बार राजधानी लखनऊ में आयोजित हो रहा है। यह आयोजन 6 से 8 अगस्त 2025 तक बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के सभागार में संपन्न होगा।
🎞️ इतिहास, सिनेमा और समाज का संगम
काकोरी एक्शन, जिसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिकारी गतिविधियों में मील का पत्थर माना जाता है, उसके 100 साल पूरे होने पर यह फिल्म फेस्टिवल केवल सिनेमा का उत्सव नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक आंदोलन की रचनात्मक पुनर्परिभाषा भी है।
फेस्टिवल का उद्घाटन पोस्टर विमोचन समारोह बीबीएयू परिसर में कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रो. वी.एम. रवि कुमार ने विषय का परिचय दिया, संचालन डॉ. सुदर्शन चक्रधारी ने किया, और काकोरी केस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला प्रो. एस. विक्टर बाबू ने।
🎬 तीन दिनों में होंगे विविध आयोजन
फेस्टिवल में शिक्षा, संस्कृति, इतिहास और रचनात्मकता को जोड़ते हुए निम्नलिखित कार्यक्रम होंगे:
काकोरी केस से जुड़ी दुर्लभ सामग्रियों की प्रदर्शनी
ऐतिहासिक फिल्मों का प्रदर्शन
सेमिनार, किस्सागोई, चित्रकला प्रतियोगिता
फिल्म निर्माण कार्यशालाएं व पुस्तक विमोचन
युवा फिल्मकारों के लिए मंच
🎗️ विशेष प्रसंग: राखी और क्रांतिकारी भावना का संगम
रक्षाबंधन पर्व पर अमर शहीदों को राखी अर्पित कर श्रद्धांजलि दी जाएगी।
स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका को चित्रों, प्रस्तुतियों और संवादों के माध्यम से रेखांकित किया जाएगा।
🌍 32 देशों की भागीदारी: वैश्विक मंच पर भारतीय विरासत
इस वर्ष फेस्टिवल में 32 से अधिक देशों — जापान, अमेरिका, फ्रांस, ब्राज़ील, रूस, नेपाल, तुर्की, इटली आदि — से फिल्मकार, लेखक, इतिहासकार व शोधार्थी भाग लेंगे।
290 से अधिक फिल्में प्राप्त हुई हैं, जिनमें से इतिहास, सामाजिक सरोकार और वैश्विक मुद्दों पर आधारित श्रेष्ठ फिल्मों का चयन किया गया है।
🏆 अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी के निर्णय से होगा फिल्म चयन
जूरी सदस्य:
आंद्रेआ फॉर्टिस (इटली) – प्रसिद्ध निर्देशक व संपादक
रघुनाथ मानेट (फ्रांस) – अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संगीतकार व फिल्म निर्माता
अनुषा श्रीनिवासन अय्यर – लेखिका, पर्यावरण कार्यकर्ता
धीरज कश्यप – फिल्म निर्माता, असम
डॉ. दीप्ति शर्मा – टीवी पत्रकार
संजीव विरमानी – अभिनेता व निर्देशक
🏛️ बिना कॉर्पोरेट सहयोग के आयोजित होने वाला प्रमुख फिल्म महोत्सव
डॉ. शाह आलम राणा द्वारा स्थापित यह महोत्सव पिछले 18 वर्षों से बिना किसी कॉर्पोरेट स्पॉन्सर के निरंतर जारी है। फेस्टिवल चेयरमैन प्रो. मोहन दास के अनुसार, प्रवेश इस बार भी निःशुल्क रहेगा, और यह आयोजन समाज, संस्कृति और इतिहास से सीधा संवाद स्थापित करेगा।
🏙️ पहली बार अयोध्या से बाहर — राजधानी लखनऊ बनी साक्षी
अब तक यह फिल्म फेस्टिवल अयोध्या में होता रहा है, लेकिन इस बार काकोरी केस की ऐतिहासिक जड़ें लखनऊ से जुड़ी होने के कारण इसे राजधानी में आयोजित किया गया है।
महुआ डाबर संग्रहालय, बस्ती द्वारा वर्ष भर देशभर में काकोरी नायकों की स्मृति में कार्यक्रमों की श्रृंखला के समापन के रूप में यह आयोजन किया जा रहा है।
🧠 युवाओं के लिए सुनहरा अवसर
यह फिल्म फेस्टिवल युवा विद्यार्थियों, शोधार्थियों और कलाकारों को सीखने, दिखाने और संवाद करने का जीवंत मंच प्रदान करेगा।
फिल्मों के माध्यम से सामाजिक चेतना और ऐतिहासिक जागरूकता को जन-जन तक पहुंचाने की पहल है यह।
🇮🇳 काकोरी की गूंज — अब लखनऊ से दुनिया तक
19वां अयोध्या फिल्म फेस्टिवल सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि यह स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी अतीत, वर्तमान युवा ऊर्जा और भविष्य के सामाजिक सरोकारों का एक पुल है।
आप सभी आमंत्रित हैं — आइए, जुड़िए इस ऐतिहासिक यात्रा से।