इस्लामाबाद, 01 अगस्त (वेब वार्ता)। पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान (POGB) के तंगिर जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां अवामी एक्शन कमेटी के उपाध्यक्ष जावेद नाजी और एक विवाहित महिला को ऑनर किलिंग (इज्जत के नाम पर हत्या) के तहत बेरहमी से मार डाला गया। इस भयावह घटना की मानवाधिकार आयोग पाकिस्तान (HRCP) ने तीखी आलोचना करते हुए इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है।
मां और पत्नी के सामने जावेद नाजी की हत्या
मानवाधिकार आयोग के मुताबिक, जावेद नाजी की हत्या उनकी मां और पत्नी की आंखों के सामने की गई, जो इस अमानवीयता की पराकाष्ठा है। HRCP ने बयान जारी करते हुए कहा,
“यह तंगिर जिले में एक हफ्ते के भीतर दूसरी घटना है। इससे पहले दो पुरुषों और दो महिलाओं को भी ऑनर किलिंग में मारा गया था।”
2024 में अब तक 405 ऑनर किलिंग के मामले
HRCP की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में अब तक पाकिस्तान में ऑनर किलिंग के 405 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं ही शिकार बनी हैं। ऑनर किलिंग की अधिकतर घटनाएं ग्रामीण इलाकों में होती हैं, जहां कबायली परंपराएं और पंचायतें आज भी कानून से ऊपर मानी जाती हैं।
बलूचिस्तान और इस्लामाबाद में भी खौफनाक घटनाएं
बलूचिस्तान में हाल ही में एक और जोड़े को मार दिया गया, क्योंकि उन्होंने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी कर ली थी। इस घटना के बाद रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा,
“जुल्म करने वाले तो आपके अपने भाई हैं।”
इस बयान की देशभर में तीव्र आलोचना हुई और बलूच कार्यकर्ताओं ने इसे सरकार की नाकामी और कानून व्यवस्था की असफलता पर पर्दा डालने की कोशिश बताया।
इसी बीच, इस्लामाबाद में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सना यूसुफ की हत्या ने भी लोगों को झकझोर दिया। एक करीबी रिश्तेदार ने उसे गोली मार दी और मौके से फरार हो गया।
ऑनर किलिंग के आंकड़े: एक नजर में
स्थान | घटना |
---|---|
गिलगित-बाल्टिस्तान | जावेद नाजी और महिला की हत्या |
बलूचिस्तान | जोड़े को पंचायत ने मरवाया |
इस्लामाबाद | इन्फ्लुएंसर सना यूसुफ की हत्या |
पूरे पाकिस्तान | 2024 में अब तक 405 ऑनर किलिंग केस |
मानवाधिकार आयोग ने सरकार से आग्रह किया कि:
इस घटना की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच हो।
दोषियों को तत्काल कड़ी सजा दी जाए।
ऑनर किलिंग की संस्कृति को जड़ से खत्म करने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं।
ग्रामीण इलाकों में कानून व्यवस्था को सशक्त किया जाए।
न्याय के लिए उठती आवाज़ें
क्वेटा, इस्लामाबाद, कराची और लाहौर जैसे बड़े शहरों में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, छात्रों और बुद्धिजीवियों ने प्रदर्शन किए और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की।
सरकार की चुप्पी और सामाजिक सवाल
इस तरह की घटनाएं पाकिस्तान की सामाजिक संरचना, महिला सुरक्षा, पंचायत प्रणाली और धार्मिक कट्टरता पर गंभीर सवाल उठाती हैं। सबसे बड़ा प्रश्न यह है:
क्या इज्जत के नाम पर हत्या को समाज कब तक सहन करता रहेगा?
निष्कर्ष
ऑनर किलिंग सिर्फ हत्या नहीं है, यह इंसानियत की हत्या है। यह घटना पाकिस्तान की न्याय व्यवस्था और सामाजिक सोच दोनों के लिए एक आईना है, जिसमें झांकना आज आवश्यक है।