वाशिंगटन, 01 अगस्त (वेब वार्ता)। अमेरिका की ट्रंप सरकार ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कड़ा रुख अपनाते हुए 92 देशों पर टैरिफ (शुल्क) लगा दिया है। यह टैरिफ उन देशों पर लगाए गए हैं जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटे में है या फिर जिनसे अमेरिका को सुरक्षा या कूटनीतिक चिंताएं हैं। इस टैरिफ की खास बात यह है कि भारत पर 25% शुल्क लगाया गया है, लेकिन भारत के पड़ोसी देशों — अफगानिस्तान और बांग्लादेश — पर इससे भी कम दर का शुल्क लागू किया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर हस्ताक्षर करके यह टैरिफ नीति लागू की है, जो 7 अगस्त 2025 से प्रभावी होगी। यह कदम ऐसे समय में आया है जब अमेरिका अपने व्यापार घाटे को कम करने की दिशा में लगातार आक्रामक नीतियाँ अपना रहा है।
भारत पर 25% शुल्क, पाकिस्तान को राहत
जहां भारत पर 26% से घटाकर 25% शुल्क लगाया गया है, वहीं पाकिस्तान पर 29% से घटाकर 19% टैरिफ लगाया गया है। अफगानिस्तान को 15% और बांग्लादेश को 20% टैरिफ की श्रेणी में रखा गया है, जो भारत के मुकाबले कम है। इससे भारतीय उद्योगों में असंतोष की भावना देखने को मिल रही है।
किस देश पर कितना टैरिफ? यहां देखें पूरी तालिका
देश का नाम | अप्रैल टैरिफ (%) | अगस्त टैरिफ (%) |
---|---|---|
भारत | 26% | 25% |
पाकिस्तान | 29% | 19% |
अफगानिस्तान | – | 15% |
बांग्लादेश | 37% | 20% |
सीरिया | 41% | 41% |
म्यांमार | 44% | 40% |
स्विट्ज़रलैंड | 31% | 39% |
लाओस | 48% | 40% |
इराक | 39% | 35% |
ब्राजील | – | 10% |
यूनाइटेड किंगडम | – | 10% |
दक्षिण कोरिया | 25% | 15% |
श्रीलंका | 44% | 20% |
वियतनाम | 46% | 20% |
ताइवान | 32% | 20% |
थाईलैंड | 36% | 19% |
इंडोनेशिया | 32% | 189% (संभावित टाइपो) |
अन्य 50+ देश | 10%–30% | 15% औसतन |
नोट: तालिका में इंडोनेशिया के लिए टैरिफ दर “189%” बताई गई है जो त्रुटिपूर्ण हो सकती है। इस पर आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा है।
क्या है ट्रंप की नई टैरिफ नीति?
ट्रंप प्रशासन ने अपने नवीनतम बयान में स्पष्ट किया कि उन देशों पर 15% यूनिवर्सल टैरिफ लागू किया जाएगा, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा है। इसके अलावा कुछ देशों पर 30-40% तक का उच्च शुल्क भी लागू किया गया है।
टैरिफ लागू होने की तारीख:
पहले ऐलान किया गया था कि नई टैरिफ व्यवस्था शुक्रवार यानी 1 अगस्त से लागू होगी, लेकिन अब नई व्यवस्था 7 अगस्त 2025 से प्रभावी होगी। इससे सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा विभाग को जरूरी बदलाव करने एवं समायोजन करने का समय मिल सके।
टैरिफ के पीछे अमेरिका की रणनीति
व्यापार घाटा कम करना
घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन
रक्षा और रणनीतिक चिंताओं पर नियंत्रण
चीन और उसके सहयोगी देशों पर परोक्ष दबाव
टैरिफ नीतियां अमेरिका के लिए राजनीतिक और आर्थिक हथियार बन गई हैं। भारत जैसे देशों के लिए यह चुनौती भी है और अवसर भी, ताकि वे अपने निर्यात रणनीति को और मज़बूत बना सकें।
भारत की प्रतिक्रिया क्या हो सकती है?
भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका के इस कदम से भारत के टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स, फार्मास्युटिकल और स्टील सेक्टर पर असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की यह टैरिफ नीति वैश्विक व्यापार समीकरणों को पुनर्परिभाषित कर सकती है। भारत समेत दर्जनों देशों को अब अमेरिका के साथ अपने आर्थिक संबंधों की समीक्षा करनी होगी।