नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का एक भावनात्मक और प्रेरणादायक भाषण उस समय सामने आया, जब वे आंध्र प्रदेश राज्य आर्य वैश्य युवजन संगम (AVYS) द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में शामिल हुईं। इस आयोजन में आंध्र प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों प्रतिनिधियों ने अपने स्व-विवेक और स्व-वित्तपोषण के माध्यम से दिल्ली पहुंचकर मुख्यमंत्री के प्रति सम्मान और स्नेह व्यक्त किया।
वैश्य समाज ने मुख्यमंत्री को बताया “नारी समाज की प्रेरणा”
समारोह में मौजूद संगठन के राज्य अध्यक्ष दीपाकुंतलां शबरी प्रसाद और भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) आंध्र प्रदेश के अध्यक्ष मिट्टा वामसी कृष्णा ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को सम्मानित किया। वामसी कृष्णा ने कहा,
“रेखा गुप्ता सिर्फ वैश्य समाज की नहीं, बल्कि पूरे नारी समाज की प्रेरणा हैं। उन्होंने दिल्ली को एक सशक्त, संवेदनशील और प्रेरक नेतृत्व दिया है।”
भावुक हुईं मुख्यमंत्री, कहा – “आपकी बहन यहां है”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि भाषा या भौगोलिक दूरी संबंधों और प्रेम को सीमित नहीं कर सकती। उन्होंने कहा:
“आपकी आंखों में जो अपनत्व है, वह इस बात का प्रमाण है कि सच्चे रिश्ते किसी सीमा में नहीं बंधते। यह सम्मान मेरे लिए एक पारिवारिक बंधन जैसा है।”
उन्होंने आगे बताया कि उनका राजनीतिक और सामाजिक जीवन एक साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से शुरू होकर आज इस पद तक पहुंचा है, जो पूरी तरह ईश्वर की कृपा और कर्म के प्रति समर्पण का परिणाम है। युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा:
“अपने कर्म के प्रति निष्ठावान रहिए, सफलता निश्चित है। लक्ष्य को साधने के लिए आपको बस निरंतर प्रयासरत रहना होगा।”
वैश्य समाज की भूमिका को सराहा
मुख्यमंत्री ने वैश्य समाज की व्यावसायिक समझदारी, सामाजिक सहभागिता और राष्ट्र निर्माण में योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा:
“यह समुदाय कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश की आर्थिक शक्ति का आधार है। यह समाज न केवल व्यापारिक मोर्चे पर अग्रणी है बल्कि सामाजिक समरसता में भी अद्वितीय है।”
जल्द करेंगी तिरुपति यात्रा
कार्यक्रम के अंत में जब वामसी कृष्णा ने मुख्यमंत्री को भगवान वेंकटेश के दर्शन के लिए तिरुपति आमंत्रित किया, तो मुख्यमंत्री ने इसे सहर्ष स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही तिरुपति की यात्रा पर जाएंगी।
मुख्यमंत्री के अंतिम शब्द:
“आपकी बहन यहां है!”
ने न सिर्फ पूरे समारोह को भावविभोर कर दिया, बल्कि यह वक्तव्य एकता, सांस्कृतिक समरसता और राष्ट्रीय भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बन गया।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का यह भाषण यह सिद्ध करता है कि भारत की विविधता में एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक सौहार्द की भावना आज भी लोगों के दिलों में जीवित है। ऐसे आयोजनों से न केवल सामाजिक ताने-बाने को बल मिलता है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाते हैं कि भाषा और भूगोल की सीमाएं केवल नक्शों तक सीमित हैं – प्रेम, अपनत्व और सम्मान इससे कहीं ऊपर हैं।