नई दिल्ली/वॉशिंगटन, (वेब वार्ता)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय निर्यात वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू करने का निर्णय लिया है, जो 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। इसके अलावा, भारत द्वारा रूसी हथियार और ऊर्जा आयात को ध्यान में रखते हुए एक एडिशनल पेनल्टी भी लगाए जाने की घोषणा की गई। यह कार्रवाई ट्रंप सरकार की “रिप्रोस्रॉकल टैरिफ” नीति के तहत की गई है, जिसमें भारत को एक मित्र देश बताते हुए भी कठोर आर्थिक कदम उठाए गए हैं।
🏛️ नीति की पृष्ठभूमि और अमेरिकी रुख
ट्रंप की “लिबरेशन डे” टैरिफ नीति के तहत अमेरिका ने अप्रैल 2025 में ही भारत सहित कई देशों के खिलाफ उच्च टैरिफ स्ट्रक्चर तैयार किया था। अप्रैल 9 को इसे कुछ हद तक स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अगस्त 1 तक की मोहलत समाप्त हो चुकी है। अमेरिका अब गैर-मनमर्जी व्यापार बाधाओं और मांगप्राप्त व्यापार घाटा के आरोप में भारत पर यह सख्त कदम उठा रहा है।
निर्णय का असर: आर्थिक और राजनीतिक दोनों स्तर पर
निर्यात पर सीधा प्रभाव: भारत के लगभग 87 अरब डॉलर का निर्यात अमेरिकी बाजार में प्रभावित होने की आशंका है, विशेष रूप से वस्त्र, फार्मा, गहने और पेट्रोकेमिकल्स जैसे महत्वपूर्ण सेक्टरों में।
- मित्र देश को कठोर संदेश: ट्रंप ने लिखा—
“जब भारत हमारा दोस्त होने के बाद भी विशाल व्यापार घाटा, ऊँचे टैरिफ और कड़े व्यापार प्रतिबंध रखता है, तो हमें यह कदम उठाना पड़ा।”
रूस से निरंतर निर्भरता पर पेनल्टी: भारत द्वारा रूसी हथियार और ऊर्जा आयात, विशेष तौर पर यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में, अतिरिक्त आर्थिक पेनल्टी के बहाने बन गए हैं।
💬 भारत की प्रतिक्रिया: रणनीति और विपक्षी बयान
कांग्रेस ने इस कदम की निंदा की है, भाजपा की विदेश नीति को दोषी ठहराते हुए कहा कि भारत “मोदी-ट्रंप मित्रता” का खामियाज़ा भुगत रहा है। उन्होंने इसे विदेश नीति की नाकामी बताया है।
भारतीय उद्योग जगत, विशेष रूप से CII, ने माना कि निर्यात संरचनाओं पर संकट गहरा सकता है। उद्योग संघ ने सरकार को नीतिगत स्थिरता और व्यापक रणनीति की आवश्यकता बताई है।
🕰️ रणनीतिक समय-सीमा और व्यापार वार्ता
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लूटनिक ने स्पष्ट कर दिया है कि 1 अगस्त की समय-सीमा स्थायी है, कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा।
दोनों देशों के बीच मिनी-ट्रेड डील पर चर्चा चल रही है, लेकिन भारत ने कृषि एवं GM आयात पर अपनी शर्तों को स्पष्ट रखते हुए कोई समझौता तत्काल इनकार किया है।
🧾 मुख्य बिंदुओं का सारांश
बिंदु | विवरण |
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टैरिफ दर | 25% अतिरिक्त (निर्यात शुल्क) |
लागू तारीख | 1 अगस्त 2025 |
अतिरिक्त पेनल्टी | रूस से हथियार एवं ऊर्जा खरीद पर |
नीति का नाम | रिप्रोस्रॉकल टैरिफ (Liberation Day Trade Agenda) |
प्रभावित क्षेत्र | वस्त्र, फार्मा, गहने, पेट्रोकेमिकल आदि |
व्यापार वार्ता | सुलझ रही नहीं; द्विपक्षीय समझौते की संभावना गिरावट में |
ट्रंप प्रशासन का यह कदम व्यापार समंजस्य और द्विपक्षीय समझौतों के बीच संतुलन बनाए रखने का मसला बन गया है। यह न सिर्फ व्यापारिक दृष्टि से आकस्मिक मोड़ है, बल्कि भारत-यूएस संबंधों में रणनीतिक अखंडता और बहुपक्षीय नीति पर प्रश्न भी उठाता है।