Monday, December 22, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

कान खोलकर सुन लें, 22 अप्रैल से 16 जून तक पीएम मोदी-ट्रंप में कोई बातचीत नहीं हुई : जयशंकर की विपक्ष को दो टूक

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राज्यसभा में बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की विदेश और रक्षा नीति पर विपक्ष के सवालों का करारा जवाब दिया। जयशंकर ने कहा कि भारत ने निर्धारित लक्ष्यों पर सटीक कार्रवाई की और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दुनिया के किसी भी नेता ने भारत पर दबाव नहीं डाला।

इसी दौरान विदेश मंत्री जब संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जवाब दे रहे थे, तभी विपक्षी नेता हंगामा करने लगे। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को टोकते हुए कहा, ”मैं उनको कहना चाहता हूं, वो कान खोलकर सुन लें। 22 अप्रैल से 16 जून तक, एक बार भी प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत नहीं हुई थी।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका, सऊदी अरब और अन्य देशों से जो भी संवाद हुआ, वह पूरी तरह पारदर्शी और रिकॉर्ड में है। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान यदि संघर्ष विराम चाहता है, तो उसे हमारे डीजीएमओ चैनल से संवाद करना होगा।

चीन और पाकिस्तान को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत की कूटनीतिक सफलता इस बात से साबित होती है कि यूएनएससी में भारत भले ही स्थायी सदस्य न हो, लेकिन सुरक्षा परिषद प्रमुख का बयान भारत के पक्ष में आया। रूस सहित कई देशों ने भारत का समर्थन किया। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, ”जो लोग मुंबई हमलों पर चुप रहे थे, आज वे हमें ज्ञान दे रहे हैं।”

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारतीय सेना को किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है और उसने आतंकियों के ठिकानों पर खुद ही सफलतापूर्वक कार्रवाई की है। उन्होंने नूर खान एयरबेस सहित कई आतंकवादी और सैन्य ठिकानों पर की गई तबाही का जिक्र करते हुए कहा कि सेना का श्रेय किसी और को देना उसका अपमान होगा।

‘न्यू नॉर्मल’ और ‘कांग्रेस नॉर्मल’ की तुलना करते हुए जयशंकर ने पांच बिंदुओं पर आधारित भारत की नई रणनीति राज्यसभा में प्रस्तुत की। चीन-पाकिस्तान संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसा और कहा कि कुछ नेता ‘ओलंपिक की क्लासरूम’ में जाकर चीन का ज्ञान लेकर आए हैं और चीनी राजदूत से ‘ट्यूशन’ लेते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 2006 में कांग्रेस सरकार ने हू जिंताओ की यात्रा के दौरान चीनी कंपनियों को 3जी और 4जी जैसे क्षेत्रों में आमंत्रित कर देश की सुरक्षा से समझौता किया।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles