Friday, August 1, 2025
Homeराष्ट्रीयसंसद में Engineer Rashid का सनसनीखेज बयान: “डेढ़ लाख खर्च करके आया...

संसद में Engineer Rashid का सनसनीखेज बयान: “डेढ़ लाख खर्च करके आया हूं – बोलने दीजिए”

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में Operation Sindoor की बहस को लेकर जम्मू–कश्मीर से निर्वाचित सांसद Engineer Rashid (अब्दुल राशिद शेख) ने एक ऐसी टिप्पणी की जिसने सदन में हलचल मचा दी। उन्होंने कहा कि उन्हें डेढ़ लाख रुपए खर्च कर करने पड़े संसद आने के लिए, लेकिन बोलने तक नहीं दिया जा रहा है।

जम्मू और कश्मीर के बारामुल्ला लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित Engineer Rashid (अब्दुल रशीद शेख़) ने संसद में Pahalgam आतंकी हमले की निंदा करते हुए उसे “लोकतंत्र की हत्या” और “मानवता की हत्या” बताया। उन्होंने न केवल दर्द और पीड़ा व्यक्त की, बल्कि दोनों राजनीतिक पक्षों से राजनैतिक समाधान की बात की।

महंगा लोकतंत्र: ‘डेढ़ लाख’ का चक्रव्यूह

  • कोर्ट की अनुमति से उन्हें 24 जुलाई से 4 अगस्त तक की कस्टडी पैरोल मिली ताकि वे संसद की बैठकों में भाग ले सकें।

  • इस दौरान न्यायालय ने स्पष्ट किया कि संसद से जुड़े यात्रा और सुरक्षा खर्चों का बोझ उनको खुद उठाना होगा, जो लगभग ₹1.44–1.45 लाख प्रतिदिन आता है

  • Engineer Rashid ने लोकसभा में कहा:

    “आज डेढ़ लाख रुपये खर्च करके आया हूं… फिर भी बोलने नहीं दिया जा रहा।”
    उन्होंने दुख का इज़हार करते कहा कि संभवतः यह उनकी “आखिरी संसद यात्रा” हो सकती है क्योंकि इतना खर्च वह दैनिक नहीं उठा सकते

🔷 भाषण की प्रमुख बातें

  • “जो कुछ पहलगाम में हुआ, वह मानवता की हत्या है”, Rashid ने संसद में कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कश्मीरियों के लिए यह पीड़ा बहुत पुरानी और गहरी है, जिसे “हमने दशकों से चिताओं के साथ उठाया है”

  • Rashid ने स्पष्ट कहा कि वह किसी एक पक्ष का समर्थन नहीं कर रहे। उन्होंने न तो राज्यपाल पर निशाना साधा और न गृह मंत्री का नाम लिया, बल्कि कहा कि:

    “मैं किसी के लिए दलील नहीं कर रहा… परंतु मिलिटेंसी को खत्म कैसे किया जाएगा? इसके लिए पहले कश्मीरियों के दिल जीते जायें”

  • उन्होंने भारत सरकार और विपक्ष दोनों से अपील की:

    “राजनीतिक निर्णय केवल सत्ता के लिए नहीं, बल्कि कश्मीरियों के लिए भी होना चाहिए”

  • कहा कि J&K समस्या कोई धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक समस्या है, और इसके समाधान के लिए संवाद ज़रूरी है।

🔹 बयान की पृष्ठभूमि और प्रभाव

  • यह भाषण उस दौर में आया जब लोकसभा में Operation Sindoor की बहस जारी थी और विपक्ष-सरकार आमने-सामने खड़े थे। इस बीच Rashid की मध्यम मार्ग की आवाज़ ने दोनों दलों को सोचने पर मजबूर किया।

  • उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प जैसे वाक्यांश दोष देने की बजाय, असली समाधान J&K की जनता के बीच संवाद से ही संभव है

🔹 Engineer Rashid का राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण

  • Rashid जम्मू-कश्मीर Awami Ittehad Party (AIP) के नेता हैं और उनका राजनीतिक बल ग्रामीण कश्मीर और नागरिक अधिकारों की आवाज़ पर आधारित है

  • वे जेल में होते हुए भी 2024 में बारामुल्ला सीट से विजयी हुए, जो उनकी जनता से गहरी पहचान को दर्शाता है

भाषण की दमदार रणनीति और भावनात्मक अपील

  • Rashid ने अपनी बात की शुरूआत उर्दू शायर हबीब जालिब की नज़्म ‘दस्तूर’ पढ़कर की, जिससे सदन में मौन पसरा और उन्होंने शायराना अंदाज़ में कश्मीर की पीड़ा व्यक्त की

  • उन्होंने कहा:

    “मेरे पैगंबर का फरमान है — जिसने एक बेगुनाह शहरी का कत्ल किया, उसने सारी इंसानियत का कत्ल किया।”
    वे पहलगाम हादसे को “पूरी इंसानियत का कत्ल” बताते हुए बोले कि कश्मीरियों ने 1989 से अनगिनत जिंदगियों को खोया है और दर्द उन्हें बेहतर समझ आता है

कश्मीर पर रशीद का बयान: अपील सामाजिक समझ की

  • Rashid ने साफ कहा:

    “आप हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं, शौक से बनाओ — लेकिन मेरे जम्मू कश्मीर की डेमोग्राफी छेड़ने की कोशिश न करें।”
    कश्मीर के सांस्कृतिक अस्तित्व को बचाने की अपील की और पूछा कि हमारे ख़ून का जवाब कौन देगा?

  • उन्होंने सरकार और विपक्ष दोनों पर निशाना साधा:

    “आप कश्मीरियों के लिए कोई बात नहीं कर पा रहे — मैं कहता हूं, उनका दिल जीतो, राजनीति से पहले संवेदनाएँ जीतो।”
    उन्होंने लोकसभा में शांति और संवाद के महत्व पर जोर दिया

संसदीय हंगामा और राजनीतिक असर

  • जब शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे बोलने खड़े हुए, Rashid ने यह कह कर माहौल को गरम कर दिया:

    “मुझे बोलने दीजिए — डेढ़ लाख देकर आया हूं।”

पृष्ठभूमि और संदर्भ

विवरणजानकारी
सांसद नामEngineer Rashid (Abdul Rashid Sheikh)
सेटबारामूला, जम्मू–कश्मीर
मामला2016 में UAPA के तहत गिरफ्तार, तिहाड़ जेल में बंद
पैरोल अवधि24 जुलाई – 4 अगस्त 2025
प्रतिदिन खर्च₹1.44–1.45 लाख (यात्री सुरक्षा और परिवहन के खर्चों के लिए)
राजनीतिक दृष्टिकोणकश्मीर मुद्दे पर शांतिपूर्ण संवाद और पहचान रक्षा का पक्षधर
लोअर कोर्ट से पैरोल दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें संसद के मॉनसून सत्र में भाग लेने के लिए पैरोल दी है। उन्हें 24 जुलाई से 4 अगस्त तक के लिए पैरोल मिली है।

Engineer Rashid का बयान सिर्फ व्यक्तिगत दर्द का नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र के अधिकार और वंचित आवाज़ों की उपस्थिति को लेकर सवाल उठाता है।
उनकी मांग है कि संसदीय प्रक्रियाएं सामाजिक न्याय और संवेदनशील मुद्दों को पहचानें — न कि महंगे खर्चे उन आवाज़ों को दबा दें।

संसद जाने के लिए इंजीनियर राशिद को रोज खर्च करने होंगे 1.45 लाख, कोर्ट में दी राहत की अर्जी

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments