मास्को, (वेब वार्ता)। रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते संबंधों की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मॉस्को से प्योंगयांग के लिए पहली सीधी यात्री उड़ान शुरू की गई है। यह उड़ान रूसी एयरलाइन नॉर्डविंड द्वारा संचालित की गई और इसे दोनों देशों के बीच सहयोग के एक ऐतिहासिक अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल एक हवाई संपर्क नहीं, बल्कि बढ़ते रणनीतिक, राजनयिक और सैन्य संबंधों की बुनियाद है।
ऐतिहासिक उड़ान और उसका महत्व
रविवार को मॉस्को के शेरेमेतयेवो हवाई अड्डे से नॉर्डविंड एयरलाइंस का बोइंग 777-200ER विमान 440 यात्रियों को लेकर उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के लिए रवाना हुआ। उड़ान की अवधि लगभग 8 घंटे थी और किराया 45,000 रूबल (लगभग 570 अमेरिकी डॉलर) तय किया गया है।
नॉर्डविंड के कर्मचारी ओलेग ने इसे “ऐतिहासिक घटना” बताते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के संबंधों को मजबूती मिलेगी। रूस के परिवहन मंत्रालय के अनुसार, यह सेवा फिलहाल महीने में एक बार संचालित होगी ताकि मांग और सुरक्षा का मूल्यांकन किया जा सके।
1990 के दशक के बाद पहली नियमित उड़ान
यह पहली बार है जब 1990 के दशक के बाद मॉस्को और प्योंगयांग के बीच सीधी यात्री उड़ान शुरू हुई है। यह दोनों देशों के बीच नए कूटनीतिक समीकरण की ओर इशारा करता है। कोरोना महामारी के बाद यह उत्तर कोरिया की सीमाओं को धीरे-धीरे खोलने की भी एक मिसाल है।
पर्यटन को बढ़ावा देने की रणनीति
उत्तर कोरिया ने रूस के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वॉनसन-काल्मा बीच रिसॉर्ट को प्रमोट करना शुरू किया है। इसमें 20,000 लोगों के ठहरने की क्षमता है और इसे उत्तर कोरिया की आर्थिक मजबूती के प्रयासों से जोड़ा जा रहा है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी इस रिसॉर्ट का दौरा कर चुके हैं और रूसी नागरिकों को वहां पर्यटन के लिए प्रोत्साहित किया है।
हालांकि, उत्तर कोरिया में पर्यटन अभी भी सीमित है और अधिकांश पर्यटक समूह यात्राओं के तहत ही देश में प्रवेश कर सकते हैं।
राजनीतिक और सैन्य समीकरण
विशेषज्ञों के अनुसार यह उड़ान केवल पर्यटन या नागरिक संपर्क का साधन नहीं है, बल्कि रूस और उत्तर कोरिया के बढ़ते सैन्य और रणनीतिक गठजोड़ का हिस्सा है। 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से दोनों देशों के रिश्ते काफी गहरे हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, उत्तर कोरिया ने रूस को हथियारों और सैन्य सहयोग की पेशकश की है, हालांकि आधिकारिक रूप से दोनों देशों ने इन आरोपों को नकारा है। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने मॉस्को को “बिना शर्त समर्थन” देने की बात भी कही है।
रेल संपर्क और अन्य उड़ान सेवाएं
हवाई मार्ग के अलावा, रूस और उत्तर कोरिया के बीच रेल सेवा भी बहाल की गई है। जून 2025 में शुरू हुई मॉस्को-प्योंगयांग ट्रेन यात्रा 10,000 किमी से अधिक की दूरी तय करती है और 8 दिन लेती है। यह दुनिया की सबसे लंबी रेल यात्राओं में से एक मानी जाती है।
साथ ही, उत्तर कोरिया की सरकारी एयरलाइन एयर कोर्यो पहले से ही व्लादिवोस्तोक और प्योंगयांग के बीच सप्ताह में तीन बार उड़ानें चला रही है।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया की चिंताएं
रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ता यह गठजोड़ अमेरिका और दक्षिण कोरिया को खटक रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस उत्तर कोरिया को संवेदनशील रक्षा तकनीक दे सकता है, जिससे उसका परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम और अधिक खतरनाक हो सकता है।
व्हाइट हाउस और सियोल दोनों ने इस साझेदारी को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि यह एशिया में शक्ति संतुलन को बिगाड़ सकता है।