गंगईकोंडा चोलपुरम, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु के ऐतिहासिक गंगईकोंडा चोलपुरम में आयोजित एक जनसभा में राष्ट्र की सुरक्षा नीति और प्राचीन विरासत दोनों पर जोरदार संदेश दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न सिर्फ भारत की रक्षा-नीति की ताकत को दुनिया के सामने उजागर किया है, बल्कि आतंकवाद और राष्ट्र विरोधी तत्वों के लिए यह एक स्पष्ट चेतावनी है कि अब उनके लिए कहीं भी कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं बची है।
ऑपरेशन सिंदूर: संप्रभुता के लिए निर्णायक भारत
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की दृढ़ता और स्पष्टता का उदाहरण बताते हुए कहा–
“दुनिया ने देखा है कि भारत अब अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ उठे किसी भी खतरे का पूरी दृढ़ता से जवाब देने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर ने पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि आतंकियों और देशद्रोहियों के लिए अब कोई जगह नहीं है, चाहे वो देश के भीतर हों या बाहर।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इस अभियान ने भारतीयों में नया आत्मविश्वास पैदा किया है और भारत की सैन्य क्षमता व संकल्प को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया है।
गंगईकोंडा चोलपुरम में ऐतिहासिक अवसर
प्रधानमंत्री मोदी ने यह बातें उस अवसर पर कहीं, जब वे गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में आदि तिरूवथिराई उत्सव में भाग लेने पहुंचे। यह उत्सव महान चोल सम्राट राजेन्द्र चोल प्रथम की दक्षिण पूर्व एशिया यात्रा, उनकी जयंती और मंदिर निर्माण के 1000 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।
राजेन्द्र चोल की विरासत को किया नमन
अपने भाषण में मोदी ने सम्राट राजराजा चोल और राजेन्द्र चोल की भव्य सैन्य और समुद्री शक्ति को याद करते हुए कहा कि चोल काल की आर्थिक, सांस्कृतिक और सैन्य उपलब्धियां आज भी भारत के लिए प्रेरणा हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि राजा राजेन्द्र चोल ने अपने पिता के सम्मान में गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर के गोपुरम को तंजावुर के बृहदेश्वर मंदिर से छोटा रखा।
उन्होंने कहा:
“राजराजा चोल ने जिस शक्तिशाली नौसेना की स्थापना की थी, उसे उनके पुत्र राजेन्द्र चोल ने और भी सशक्त बनाया। उनका समुद्री विस्तार और प्रशासनिक दूरदर्शिता आज के ‘नए भारत’ के लिए प्रेरणादायक रोडमैप है।”
राष्ट्र की एकता और सैन्य शक्ति पर बल
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यदि भारत को विकसित राष्ट्र बनना है तो उसे राष्ट्रीय एकता, नौसेना की मजबूती और रणनीतिक अवसरों की पहचान को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि देश आज उसी दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्य बिंदु:
🔸 ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया भारत का दृढ़ रक्षा-रुख
🔸 आतंकवादियों के लिए अब कोई सुरक्षित पनाह नहीं
🔸 गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में 1000 साल का समारोह
🔸 राजेन्द्र चोल की विरासत को राष्ट्र निर्माण का आधार बताया
🔸 मोदी बोले– “राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि, आत्मनिर्भर भारत का रास्ता यहीं से”