काठमांडू, (वेब वार्ता)। नेपाल और चीन के बीच सबसे व्यस्त सीमा मार्ग रसुवागढ़ी में स्थित फ्रेंडशिप ब्रिज (मैत्री पुल) के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। यह पुल 8 जुलाई को लेंडे खोला में आई भारी बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और आवागमन पूरी तरह से रुक गया था।
फिलहाल, चीन की ओर से एक बेली पुल (अस्थायी पुल) के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह 100 मीटर लंबा और लगभग 10 मीटर चौड़ा होगा। नेपाल के प्रमुख जिला अधिकारी (सीडीओ) अर्जुन पौडेल ने रविवार को बताया कि ग्राउंड लेवलिंग (भूमि समतलीकरण) का काम पहले ही शुरू कर दिया गया है।
सीमा निरीक्षण और संयुक्त बैठक
शनिवार को सीडीओ पौडेल के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय नेपाली प्रतिनिधिमंडल ने फ्रेंडशिप ब्रिज क्षेत्र का स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान नेपाल और चीन दोनों देशों के अधिकारियों के बीच एक संयुक्त बैठक भी हुई, जिसमें बाढ़ राहत, निर्माण प्राथमिकताएं, और भविष्य में एक स्थायी संरचना के निर्माण की योजनाओं पर चर्चा की गई।
स्थानीयों और व्यापारियों को जल्द राहत की उम्मीद
रसुवा जिला प्रशासन कार्यालय ने उम्मीद जताई है कि यह अस्थायी पुल स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों और सीमा पार सेवा उपयोगकर्ताओं के लिए जल्द ही आवागमन की सुविधा बहाल करेगा। चीन के अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि यह बेली पुल सितंबर के मध्य तक पूरा कर लिया जाएगा।
हालांकि, रसुवागढ़ी में एकीकृत सीमा शुल्क भवन (ICBP) का निर्माण अभी भी रुका हुआ है, जो व्यापार बहाली के पूर्ण पैमाने पर संचालन के लिए आवश्यक है।
भविष्य की योजना: स्थायी मैत्री पुल
यह फ्रेंडशिप ब्रिज न केवल व्यापार, बल्कि सांस्कृतिक और रणनीतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। नेपाल और चीन दोनों की प्राथमिकता अब एक स्थायी और बाढ़-प्रतिरोधी पुल के निर्माण की ओर है, ताकि भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं के कारण इस तरह की रुकावटों से बचा जा सके।