Tuesday, December 2, 2025
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Haridwar : मनसा देवी मंदिर में मची भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत, कई गंभीर घायल

हरिद्वार, (वेब वार्ता)। उत्तराखंड के (Haridwar) हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में सोमवार सुबह भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस दर्दनाक घटना में 6 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं। घायलों में महिलाएं और बुज़ुर्ग भी शामिल हैं।

कैसे हुई घटना?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सावन के चौथे सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर परिसर में पहुंचे थे। सुबह लगभग 10 बजे, मंदिर की ओर जाने वाली केबल कार लाइन के पास भीड़ असंतुलित हो गई, जिससे भगदड़ मच गई।

मंदिर प्रशासन द्वारा भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतज़ाम न होने के चलते स्थिति और बिगड़ती चली गई। कई श्रद्धालु फिसलकर नीचे गिर पड़े और उन्हें रौंद दिया गया।

मरने वालों में महिलाएं और बुज़ुर्ग शामिल

पुलिस द्वारा जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया है कि मृतकों में 3 महिलाएं, 2 पुरुष और एक 10 वर्षीय बालिका शामिल है। 10 से अधिक घायल लोगों को हरिद्वार जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत चिंताजनक है।

प्रशासनिक लापरवाही के आरोप

स्थानीय लोगों और कई श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रशासन व पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। भीड़ नियंत्रण के लिए न पर्याप्त पुलिसबल था न ही बैरिकेडिंग, जिससे स्थिति अनियंत्रित हो गई।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

  • जिलाधिकारी डी. मेहरोत्रा ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

  • एसआईटी जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

क्या कहता है मंदिर प्रशासन?

मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, “श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से कहीं अधिक थी, जिससे व्यवस्था चरमरा गई। केबल कार सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है।”

अब तक की प्रमुख बातें – मनसा देवी मंदिर भगदड़

बिंदुविवरण
घटना स्थलमनसा देवी मंदिर, हरिद्वार
समयसुबह 10 बजे के आसपास
मौतें6 श्रद्धालुओं की मौत
घायल15 से अधिक लोग घायल
कारणअधिक भीड़ और प्रबंधन में कमी
जांचSIT गठित कर दी गई है

भविष्य के लिए सबक

हर सावन में लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों की ओर रुख करते हैं। ऐसे में भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा प्रबंधन, और प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं हर मंदिर में मजबूत की जानी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

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