Tuesday, December 23, 2025
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Shaurya Bharat Car Rally : ‘शौर्य भारत कार रैली’ को वायुसेना प्रमुख ने दिखाई हरी झंडी, सशस्त्र बलों के शौर्य और हरित भारत का प्रतीक

नई दिल्ली,  (वेब वार्ता)। देशभक्ति, सैन्य शौर्य और पर्यावरणीय चेतना का त्रिआयामी संदेश लेकर ‘शौर्य भारत कार रैली 2024’ (Shaurya Bharat Car Rally) को शुक्रवार को भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने नई दिल्ली स्थित एयर फोर्स स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली भारतीय वायुसेना और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई है।

थीम: राष्ट्र का मान, शौर्य के साथ, पर्यावरण का विकास

यह अनूठी रैली भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य साहस को नमन करने के साथ-साथ हरित परिवहन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और युवाओं में सैन्य सेवा के प्रति जागरूकता फैलाने का एक सशक्त मंच बनकर उभरी है।

800 किलोमीटर की यात्रा, 3 राज्यों का सफर

  • तारीख: 25 से 27 जुलाई 2024

  • रूट: नई दिल्ली → अंबाला (हरियाणा) → आदमपुर (पंजाब)

  • कुल दूरी: 800 किलोमीटर

  • समापन: 28 जुलाई को आदमपुर एयर फोर्स स्टेशन में समर्पण समारोह

इलेक्ट्रिक वाहनों के ज़रिए हरित भविष्य का संदेश

इस रैली में टाटा मोटर्स द्वारा प्रायोजित 40 वाहन सम्मिलित हैं, जिनमें अधिकांश इलेक्ट्रिक व्हीकल (EVs) हैं। यह भारत की Net Zero Carbon रणनीति और सस्टेनेबल ट्रांसपोर्टेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

युवाओं से संवाद: सेना में करियर की प्रेरणा

रैली का काफिला रास्ते में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में रुककर छात्रों से संवाद करेगा।
उद्देश्य:

  • युवाओं को सैन्य सेवाओं में करियर के लिए प्रेरित करना

  • अनुशासन, साहस और देशभक्ति जैसे मूल्यों को बढ़ावा देना

सैन्य संस्थाओं की भागीदारी

  • प्रतिभागी संस्थाएं:
    भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना, कोस्ट गार्ड, डीआरडीओ, एनसीसी

  • कुल प्रतिभागी: 112 प्रतिनिधि

  • आयोजन संचालन: भारतीय वायुसेना का डायरेक्टोरेट ऑफ एडवेंचर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की यादें और वीरों को श्रद्धांजलि

यह रैली भारतीय सैन्य इतिहास के बहुचर्चित अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को श्रद्धांजलि अर्पित करती है, जिसने भारत की सैन्य क्षमता और रणनीतिक संकल्प को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाई।

हरित भारत के निर्माण की दिशा में प्रयास

‘शौर्य भारत रैली’ केवल सैन्य गरिमा का उत्सव नहीं है, यह भारत की पर्यावरणीय जिम्मेदारी और हरित ऊर्जा के उपयोग का भी उदाहरण है।
यह संदेश देती है कि राष्ट्र रक्षा और प्रकृति रक्षा दोनों साथ-साथ चल सकते हैं।

लेखक: वेब वार्ता ब्यूरो
स्रोत: भारतीय वायुसेना, PHDCCI, प्रेस विज्ञप्ति

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