नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में बुधवार को भी जबरदस्त हंगामा किया, जिसके कारण दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थापित कर दी गयी। पीठासीन अधिकारी कृष्ण प्रसाद तेन्नेटी ने दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोबीच आ गये।
पीठीसीन अधिकारी ने हंगामे के दौरान कहा कि आज गोवा की जनजातियों से जुड़ा बहुत महत्वपूर्ण विधेयक है। गोवा राज्य विधानसभा निर्वाचन-क्षेत्र अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व का पुन:समायोजन विधेयक 2024 पर चर्चा करनी है। यह आदिवासियों से संबंधित मामला है, इसलिए सभी सदस्यों को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हंगामे के कारण पहले ही दो दिन खराब हो चुके हैं। उन्होंने हंगामा कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों से कहा, “ आप तख्तियां लेकर आये हैं, यह सही नहीं है। आप गोवा की जनजातियों से संबंधित विधेयक पर चर्चा नहीं करना चाहते।
”कृष्ण प्रसाद तेन्नेटी के बार-बार आग्रह करने के बाद भी हंगामा नहीं रुका, तब उन्होंने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले बिहार में मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) वापस लेने की मांग को लेकर विपक्ष के लोकसभा में भारी हंगामे के कारण बुधवार को प्रश्न काल और शून्य काल नहीं हो सका। इसी मुद्दे पर पूर्वाह्न 11 बजे विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे कारण प्रश्न काल की कार्यवाही नहीं हो सकी और सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गयी। दोपहर 12 बजे कार्यवाही पुन: शुरू होने पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने एसआईआर वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। कई विपक्षी सदस्य इसी मांग से संबंधित नारे लिखी हुई तख्तियां लिये हुए थे। विपक्षी सदस्य सदन के बीचोबीच भी आकर शोरशराबा कर रहे थे। पीठासीन अधिकारी संध्या राय ने हंगामे के बीच ही जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये।
संध्या राय ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि इनमें कई वरिष्ठ सदस्य हैं, अनुभवी हैं, उन्हें सदन की गरिमा और मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। आज लगातार तीसरे दिन सदन की कार्यवाही बाधित की जा रही है, जो बहुत अनुचित है। विपक्ष को अपनी भूमिका का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश विपक्ष के आचरण काे देख रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी विषयों पर चर्चा चाहती है। विपक्षी सदस्यों को अपने-अपने स्थानों पर जाकर सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलने देना चाहिए। श्रीमती राय की अपील का विपक्षी सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ और वे हंगामा करते रहे। इस पर पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य बिहार में की जा रही मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण वापस लेने की मांग करते हुए आसन के समीप आ गये।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया और प्रश्न के लिए जनता दल यूनाइटेड की लवली आनंद का नाम पुकारा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शोर शराबे में जवाब दिया, लेकिन हंगामा बढ़ गया। अध्यक्ष ने सख्त लहजे में कहा कि सदन में तख्तियां लेकर आने वाले सदस्यों के ख़िलाफ़ निर्णायक कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि हर विषय पर नियम प्रक्रिया के तहत सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर दिया जाएगा। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि संसद हमारी गौरवशाली लोकतंत्र की संस्था है। संसद और संसद परिसर में सदस्यों का व्यवहार मर्यादित होना चाहिए। देश की जनता ने उन्हें मुद्दों और नीतियों पर चर्चा करने के लिए यहां चुनकर भेजा है। उन्होंने कहा कि सदस्य सड़कों का आचरण संसद में कर रहे है। देश सदस्यों का आचरण देख रहा है। अध्यक्ष के आग्रह के बावजूद हंगामा नहीं रुका तो सदन की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित कर दी गयी।