Tuesday, July 22, 2025
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संसद का मानसून सत्र हंगामेंदार होने की उम्मीदें

संसद का वर्तमान मानसून सत्र में विपक्षी पार्टियों ने सरकार को 4 ज्वलंत मुद्दों पर घरने का प्रयास करेगी

-विनोद कुमार सिंह-

संसद का यह मानसून सत्र हंगामेंदार होने की उम्मीदें है। संसद का वर्तमान मानसून सत्र में विपक्षी पार्टियों ने सरकार को 4 ज्वलंत मुद्दों पर घरने का प्रयास करेगी। आप को बता दें कि जम्मू कश्मीर में हुए पहलगाम हमले व ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला संसद सत्र है। मानसुन सत्र से पहले केन्द्र सरकार ने इस संदर्भ में रविवार की सुबह नई दिल्ली स्थिति संसद परिसर स्थित एन्जसी में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कई दलों के नेताओं ने भाग लिया। इस बैठक के विभिन्न राज नीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अनुसार संसद का वर्त्तमान सत्र के दौरान विपक्षी दलों द्वारा जम्मू कश्मीर में हुए हमले ऑपरेशन सिंदूर, मतदाता सुची में सुधार व वक्फ बिल अंहम जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। सर्वविदित रहें कि संसद का यह सत्र 21जुलाई 25 से 21अगस्त 25 तक चलेगा। वहीं स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर 13और14अगस्त को संसद की बैठक नहीं होगी। संसद के वर्तमान मानसून सत्र में विपक्ष दल द्वारा कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। विपक्ष इन सभी मुद्दों को सदन के पटल पर उठाने की योजना बना रहा है। सर्वविदित रहें कि विगत दिनों 24 पार्टियों ने एक-साथ बैठक की थी, जिसमें4 बड़े मुद्दों को फैसला किया गया है। इनमें पहलगाम हमले में हुई सुरक्षा चूक, ऑपरेशन सिंदूर में, विदेश नीति की नाकामयाबी, बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची में बदलाव व जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने जैसे मुद्दे शामिल हैं। इस मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार कई बड़े बिल पेश करने और कुछ अंहम बिल पास करवाने की तैयारी में है। लोकसभा में मणिपुर माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 जन विश्वास(प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2025, भारतीय प्रबंधनसंस्थान(संशोधन)विधेयक 2025, कराधान कानून(संशोधन) विधेयक 2025, विरासत स्थल और भू- अवशेष(संरक्षण और रखरखाव) विधेयक 2025, खान और खनिज (विकास और विनियमन)संशोधन विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन)विधेयक 2025 प्रमुख है। भारतीय राजनीति पर विशेष नजर रखने वाले राजनीति पंडितयों का मानना है। संसद का यह मानुसन सत्र हंगामेदार होने वाली है। विपक्षी दलों के सांसद द्वारा सभी पार्टी के नेता राष्ट्रीय व क्षेत्रीय समस्यायें के मुद्धा बनाने सरकार को घरने का भरसक प्रयास करेगी। वही भाजपा व उसके सहयोगी दल विपक्ष को करारा जबाब देने का मन बनाया है।

रविवार की सुबह संसद के मानसून सत्र के केन्द्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण, पहलगाम आतंक वादी हमले सहित विभिन्न मुद्दों को उठाए जाने की संभावना है। इस संदर्भ में लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा, “इस सत्र में हम जिन मुद्दों को महत्वपूर्ण मानते हैं, उनमें पहलगाम भी शामिल है। हमारी सीमाओं पर संघर्ष खास कर उन देशों के साथ जो दो मोर्चों पर एक साथ आ रहे हैं। “आज बिहार में मतदाता सुची में विशेष गहन पुन निरीक्षण से जुड़ी चिंताओं विपक्ष की है। इन सभीअंहम मुद्दों पर, सरकार के मुखिया होने के नाते, प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य व नैतिक दायित्व है कि वे संसद के गलियारों के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित करें। मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री अपना नैतिक और नैतिक कर्तव्य निभाएँगे। “राज्यसभा में आप के सांसद संजय सिंह का कहना है कि संसद में उठाए जाने वाले मुद्दे व रण नीति तैयार हैं। पीएम मोदी से इन मुद्दों पर जवाब देने के लिए संसद में मौजूद रहने की मांग की है।

संजय सिंह ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सीजफायर पर किए गए दावे, ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में एसआईआर जैसे अंहम मुद्दे हैं, जो संसद के भीतर उठाए जाएंगे। पहला सवाल देश की सुरक्षा से जुड़ा है। जिस तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार दोहरा रहे हैं कि उन्होंने व्यापार समझौते के नाम पर युद्ध विराम कराया है, उस पर भारत सरकार को स्पष्टीकरण स्वंय प्रधान मंत्री को संसद मे स्वयं आकर इस पर बयान देना चाहिए। वे 5 विमानों को भी गिराए जाने की बात बोल रहे हैं, यह उनका काम नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं संसद के भीतर यह मुद्दा उठाउंगा। आज दिल्ली में बुलडोजर कार्रवाई हो रही है। प्रधानमंत्री के गारंटी कार्ड देने के बाद यूपी, बिहार और पूर्वांचल के लोग जो छोटी दुकानें और ठेले लगाकर अपना जीवन बिताते हैं, उन्हें उजाड़ दिया गया है। हम राष्ट्रीय मुद्दों के साथ ही दिल्ली के भी प्रमुख मुद्दों को उठाएंगे। उन्होंने व्यापार समझौते को बातचीत का कार्ड बनाकर युद्ध विराम करवाया। सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। “

बिहार में सर, यह कवायद बंद होनी चाहिए चुनावी घोटाला चल रहा है…अगर सरकार जवाब नहीं देती है, तो हम सदन के अंदर और बाहर सवाल उठाएँगे…”आज की इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया, जहां सरकार का प्रतिनिधित्व संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और उनके कनिष्ठ मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया। कांग्रेस के गौरव गोगोई और जयराम रमेश, एनसीपी- शरद पवार की सुप्रिया सुले, डीएमके के टीआर बालू और आरपीआई (ए) नेता केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के सभी राजनीतिक दलो के नेता शामिल हुए । असली तस्वीरें तो संसद के अन्दर देखने को मिलेगी। जब सता पक्ष – विपक्ष आमने -समानें सदन के पटल पर अपनी बातें रखेगी। भारतीय संसदीय के इतिहास इस बात का साक्षी है। हमारे संविधान निर्माताओं नें विद्यायी शक्तियों के लिए कानुन बनाने ‘ जनता के हितो के कल्याण व हितों के रक्षा लिए प्रावधान किया है। संसद का सत्र चलाने जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे को खर्च किया जाता है। संसद का सत्र जनता के हितो को स्वस्थ चर्चा व कानून व्यवस्था पर जन प्रतिनिधियों के लिए सुदृढ निर्णय लेने के लिए किया लेकिन जनता के प्रतिनिधि के जब संसद के मंदिर में अपने पार्टी व नीजी स्वार्थो से उपर उठकर जनता व जन मानस की समस्याओं के निराकरण हेतु स्वस्थ्य चर्चा व जन हित में फैसले लेगें।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार व स्तंभकार है)

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