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Sunday, September 14, 2025
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इटावा सफारी पार्क बना ‘गौरैया’ का सबसे बड़ा आशियाना

इटावा, (वेब वार्ता)। एशियाई शेरों के सबसे बड़े आशियाने के रूप में देश दुनिया में लोकप्रिय उत्तर प्रदेश का इटावा सफारी पार्क संकटग्रस्त गौरैया चिड़िया का सबसे बड़ा आशियाना बन गया है।

इटावा सफारी पार्क में हजारों की संख्या में गौरैया चिड़िया की मौजूदगी अधिकारियों को खुश करती हुई दिखाई दे रही है। पार्क के उपनिदेशक डॉ विनय कुमार सिंह बताते है कि करीब साढ़े तीन सौ हेक्टेयर में फैले पार्क में इतनी संख्या में गौरैया चिड़िया नजर आ रही है कि उनकी गिनती संभव नहीं है। गौरैया चिड़िया की यह संख्या कई हजार में आंकी जा रही है। गौरैया चिड़िया की हजारों की संख्या में मौजूदगी इटावा सफारी पार्क के प्राकृतिक वातावरण के चलते संभव होता हुआ दिख रहा है।

सिंह का कहना है कि इटावा सफारी पार्क में हाल के दिनों में पक्षियों की गणना कराई गई है जिनमें 235 प्रजाति के पक्षी पाए गए है इनमें सबसे अधिक गौरैया चिड़िया ही पाई गई है। हर और गौरैया चिड़िया के बड़ी संख्या में झुंड के झुंड देखे जा रहे हैं, गौरैया चिड़िया की चहचहाट सफारी आने वाले हर किसी पर्यटक को गदगद करती हुई नजर आ रही है।

उनका कहना है कि जो गौरैया चिड़िया देश दुनिया से करीब करीब गुम हो गई है लेकिन इटावा सफारी पार्क में उनकी मौजूदगी हर किसी को आनंदित कर रही है।

उन्होंने बताया कि सफारी पार्क में ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां पर झुंड की झुंड संख्या में गौरैया चिड़िया ना दिखाई दे रही हो, अधिकारियों और कर्मचारियों के रिहायशी इलाके में घर घर गौरैया चिड़िया के घोंसले बने हुए है। सबसे ज़्यादा गौरैया चिड़िया सुबह भ्रमण के दरम्यान देखने को मिलती है।

इटावा सफारी पार्क भ्रमण को आए राजस्थान से पर्यटक रमेश कुमार का कहना है कि जितनी बड़ी संख्या में उनको गौरैया चिड़िया इटावा सफारी पार्क में देखने को मिल रही है,उतनी संख्या में गौरैया कही भी देखने को नहीं मिलती है,शहरी इलाके में गौरैया कतई देखने को नहीं मिलती है।

पर्यावरण की दिशा मे काम करने वाली संस्था स्काॅन के महासचिव डॉ.संजीव चौहान का कहना है कि गौरैया एक संकटग्रस्त पक्षी है। ब्रिटेन,इटली,फ्रांस,जर्मनी जैसे देशों में इनकी संख्या तेजी से गिर रही है और नीदरलैंड में तो इन्हें दुर्लभ प्रजाति के वर्ग में रखा गया है । एक अध्ययन के अनुसार भारत में गौरैया की संख्या करीब साठ फीसदी तक घट गई है।

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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