Thursday, December 11, 2025
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़ें

खट्टर ने किशनगढ़-वसंत कुंज स्टेशन के बीच बने मेट्रो की भूमिगत सुरंग का किया उद्घाटन

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य तथा ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को तुगलकाबाद-एरोसिटी गलियारे पर किशनगढ़ और वसंत कुंज स्टेशन के बीच बनी भूमिगत सुरंग का उद्घाटन किया। खट्टर ने इस मौके पर कहा, ‘दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की एक और परियोजना पर काम काफी तेजी से चल रहा है। यह परियोजना एरोसिटी से तुगलकाबाद गोल्डन लाइन है। मैं डीएमआरसी के अधिकारियों और इससे जुड़े सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिनकी मेहनत और लगन की वजह से दिल्ली मेट्रो ने यह उपलब्धि हासिल की है।

यह सुरंग ऐरोसिटी – तुगलकाबाद गोल्डन लाइन के तहत बनाई गई है। 23.6 किमी लंबे इस कॉरिडोर में 16 स्टेशन होंगे, जो कनेक्टिविटी और यात्रा को सुगम बनाएंगे। डीएमआरसी ने चौथे चरण में तुगलकाबाद-एरोसिटी गलियारे पर किशनगढ़ और वसंत कुंज स्टेशन के बीच 1550 मीटर लंबी सुरंग की खुदाई पूरी करने में सफलता हासिल की। इस कार्य के लिए 91 मीटर लंबी टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का उपयोग किया गया। एरोसिटी-तुगलकाबाद गलियारे के हिस्से के रूप में इस खंड पर आवाजाही के लिए ऊपर और नीचे दो समानांतर गोलाकार सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। दूसरी समानांतर सुरंग का कार्य जून 2025 में पूरा होने की संभावना है।

इस नई सुरंग का निर्माण लगभग 23.0 मीटर (न्यूनतम गहराई 15.7 मीटर और अधिकतम 30.2 मीटर) की औसत गहराई पर किया गया है। टनल में लगभग 1107 रिंग लगाए गए हैं, जिनका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है। सुरंग के निर्माण में ईपीबीएम (अर्थ प्रेशर बैलेसिंग मेथड) तकनीक का उपयोग किया गया है, जिसमें प्रीकास्ट टनल रिंग से बनी कंक्रीट लाइनिंग है। इन सुरंगों को मुंडका में स्थापित एक पूरी तरह से मशीनीकृत कास्टिंग यार्ड में कास्ट किया गया है। कंक्रीट सेगमेंट को शीघ्र मजबूती प्रदान करने के लिए स्टीम क्योरिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। New Delhi

डीएमआरसी के अनुसार सुरंग का निर्माण कार्य 30 अक्टूबर 2023 को शुरू किया गया था और इसमें खड़ी ढलान के साथ-साथ अभ्रक और कठोर चट्टानों से युक्त भूविज्ञान की विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। सुरंग के निर्माण के दौरान मौजूदा संरचनाओं के नीचे सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानियां बरती गई। आस-पास की संरचनाओं पर लगे अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों से जमीन की गतिविधियों पर नजर रखी गई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं भी कोई नुकसान न हो। चौथे चरण में दिल्ली मेट्रो 40.109 किमी भूमिगत लाइनों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें एरोसिटी-तुगलकाबाद गलियारे में कुल 19.343 किमी भूमिगत खंड हैं। इस मौके पर आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में राज्यमंत्री तोखन साहू,डीएमआरसी के अधिकारी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि टीबीएम एक ऐसी मशीन है, जिसका उपयोग मिट्टी और घ‌ट्टानी विभिन्न परतों के माध्यम से क्रॉस-सेक्शन वाली गोलाकार सुरंगों की खुदाई करने के लिए किया जाता है। इन्हें कठोर च‌ट्टान से लेकर रेत तक किसी भी चीज को भेदने के लिए डिजाइन किया जा सकता है। भीड़-भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में भूमिगत सुरंग बनाने के काम के लिए टीबीएम विशेष रूप से उपयोगी हैं। डीएमआरसी ने पहले चरण से ही सुरंग बनाने के काम के लिए टीबीएम का उपयोग किया है। तीसरे चरण में लगभग 50 किमी के भूमिगत सेक्शनों के लिए राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 30 टीबीएम का उपयोग किया गया था।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest

More articles