Monday, October 20, 2025
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ट्रंप का गोल्ड कार्ड, 5 मिलियन खर्च कर मिलेगी अमेरिकी नागरिकता!

वाशिंगटन, (वेब वार्ता)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक चौंकाने वाले फैसले ले रहे हैं। अब खबर आ रही है कि ट्रंप प्रशासन जल्द ही गोल्ड कार्ड योजना शुरू करने जा रही है। यह योजना ग्रीन कार्ड की तर्ज पर होगी लेकिन इससे अतिरिक्त लाभ भी मिलेगा। इससे अमेरिकी नागरिकता हासिल करने के भी रास्ते खुलेंगे। ट्रंप ने कहा है कि हम जल्द ही गोल्ड कार्ड बेचने जा रहे हैं। यह ग्रीन कार्ड की तरह ही होगा। इसकी कीमत पांच मिलियन डॉलर होगी। इस कार्ड के जरिए आपको ग्रीन कार्ड की सुविधाओं के समान ही लाभ मिलेंगे लेकिन कुछ अतिरिक्त लाभ भी होंगे। ट्रंप ने कहा कि यह योजना अगले दो हफ्ते में शुरू हो जाएगी और इसके लिए संसद की मंजूरी की भी जरूरत नहीं है। जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या इस गोल्ड कार्ड के जरिए रूस के दौलतमंद अरबपति भी अमेरिका की नागरिकता हासिल कर सकते हैं? तो इस पर ट्रंप ने कहा संभावित रूप से। ट्रंप ने कहा कि वह कुछ रूसी अरबपतियों को जानते हैं, जो बहुत अच्छे हैं। वह गोल्ड कार्ड को हासिल कर सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि इससे वह अमीर बनेंगे और सफल होंगे, लेकिन उन्हें बहुत पैसा खर्च करना होगा और बहुत सारा टैक्स भी भरना होगा। ये योजना बहुत कारगर साबित होगी। बता दें कि ट्रंप के इस नए गोल्ड कार्ड को पांच मिलियन डॉलर यानी 50 लाख डॉलर की धनराशि में हासिल किया जा सकता है। भारतीय रुपए में यह रकम 43 करोड़ के आसपास है। ट्रंप प्रशासन में वाणिज्य मंत्री ने बताया कि गोल्ड कार्ड दरअसल एक तरह का ग्रीन कार्ड ही होगा। ट्रंप की यह नई गोल्ड कार्ड योजना मौजूदा ईबी-5 योजना की जगह लेगी। इसके जरिए प्रवासी निवेशक अमेरिकी कारोबार में निवेश के जरिए ग्रीन कार्ड हासिल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि गोल्ड कार्ड से मिलने वाले धन सीधे सरकार के पास जाएगा। पांच मिलियन डॉलर का भुगतान कर यह गोल्ड कार्ड हासिल किया जा सकेगा। अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।

भारतीय पेशेवरों व कुशल श्रमिकों पर प्रभाव : गोल्ड कार्ड वीजा अमीर निवेशकों के लिए अमरीका की नागरिकता पाने का एक तेज रास्ता है, लेकिन इसका लाभ केवल उच्च-नेटवर्थ व्यक्तियों को ही मिलेगा। इसका प्रभाव भारतीय पेशेवरों और मध्यमवर्गीय निवेशकों पर नकारात्मक हो सकता है, जो पहले से ही लंबी प्रतीक्षा सूची में हैं। इस वीजा के कारण अमरीकी इमिग्रेशन सिस्टम में असमानता बढ़ सकती है। भारतीय आवेदक, जो लंबे समय से ईबी-5 वीजा पर निर्भर थे, अब उन्हें अमरीका में स्थायी निवास के लिए 50 लाख डॉलर की ऊंची सीमा पार करनी होगी।

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