हरदोई, लक्ष्मीकान्त पाठक (वेब वार्ता)। भ्रष्टाचार को लेकर वर्षों से चर्चित शाहाबाद की बैंक आफ इण्डिया शाखा मे देर रात भ्रष्टाचार की आखिरकार पुष्टि हो ही गयी। मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना मे ऋण स्वीकृति के बदले 50 हजार रूपये की माँग करने वाले लोन अफसर को लखनऊ से आयी सीबीआई की टीम ने 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। प्राप्त विवरण के अनुसार उपासना वर्मा पत्नी रमेशचन्द्र वर्मा निवासी मोहल्ला चौक ने मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना मे ब्यूटी पार्लर खोलने के लिये ऋण आवेदन किया। आवेदन की समस्त औपचारिकता पूर्ण होने के बाद आवेदन ऋण स्वीकृति के लिये बैंक आफ इण्डिया की शाखा शाहाबाद भेजा गया। शाखा मे कार्यरत लोन अफसर शोभित श्रीवास्तव द्वारा प्रार्थिनी से ऋण स्वीकृति के बदले ऋण राशि का 10% अर्थात 50हजार रुपये रिश्वत की माँग की।
आवेदिका द्वारा सीबीआई लखनऊ द्वारा भ्रष्टाचार के प्रति मोबाइल के माध्यम से आम जनमानस को जागरूक करने लिये लगातार फोन नम्बर भेजकर लोगों से शिकायत की अपील की जाती है, आवेदिका ने उक्त नम्बर नोट कर शिकायत की। शिकायत का संज्ञान लेकर सीबीआई की टीम ने बैंक आफ इण्डिया पर छापा मारकर लोन अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई की टीम बैंक का गेट बंद कर देर रात तक बैंक के अभिलेखों को खंगालती रही। उसके बाद सीबीआई की टीम बैंक अधिकारी को अपने साथ लेकर लखनऊ चली गयी। वहाँ पूछताछ के बाद बैंक अधिकारी को सीबीआई की विशेष अदालत मे पेश किया जायेगा। गौर तलब है कि गत बर्ष 2003 मे सहोरा गांव निवासी मृतक गजोधर के खाते से लगभग 22 हजार रुपया निकाल लिये गये थे। जिसकी शिकायत उसकी पुत्री द्वारा की गयी लेकिन भ्रष्टाचार के वेग के आगे उसकी आवाज नक्कारखाने मे तूती की आवाज बनकर रह गयी। इस ब्रांच मे कोई ऋण स्वीकृति बिना सुविधाशुल्क के सम्भव नहीं हो पाता था। आखिरकार इस ब्रांच से भ्रष्टाचार का एक स्तम्भ देर रात ढह गया।