ग्रेटर नोएडा, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में बादलपुर थाना पुलिस ने एक ऐसे ग्रुप का पर्दाफाश किया है जो लोगों को हनी ट्रैप में फंसाकर उन्हें दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराने का डर दिखाता था और फिर समझौता करवाने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठ लिया करता था।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन्होंने गांव सादोपुर, थाना बादलपुर में एक व्यक्ति को हनी ट्रैप में फंसाकर दुष्कर्म का झूठा मुकदमा लिखवाने की धमकी दी। समझौता करने के नाम पर जबरन 2.5 लाख रुपये देने के लिए दबाव बनाया गया। उन्होंने पीड़ित से 40 हजार रुपये ले भी लिए थे।
थाना बादलपुर पुलिस ने 26 फरवरी को लोकल इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना की सहायता से हनी ट्रैप मामले में बादल डेढ़ा उर्फ कालू सिंह, प्रिंस और एक महिला आरोपी जेहरा को गिरफ्तार किया है। आरोपी प्रिंस के कब्जे से 12 हजार रुपये, बादल डेढ़ा उर्फ कालू सिंह से 13 हजार रुपये और महिला आरोपी जेहरा से 15 हजार रुपये नकद बरामद हुए हैं।
पुलिस के अनुसार, गत 22 फरवरी को थाना बादलपुर को पीआरवी के माध्यम से एक कॉल मिली। कॉलर बादल डेढ़ा उर्फ कालू सिंह ने बताया कि 19-20 साल की एक लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ है।
कथित पीड़िता ने बताया कि दुष्कर्म की घटना सुबह 7.30 बजे से सुबह 8.30 बजे के बीच की है। पुलिस ने वहां लगे सीसीटीवी कैमरे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। आस-पास के लोगों से पूछताछ भी की गई। पता चला कि घटना का जो समय बताया गया था, उस दौरान पीड़िता की सगी बड़ी बहन वहीं पर उपस्थित थी और कैमरे में भी उस स्थान के आस-पास अन्य किरायेदारों की गतिविधि सामान्य पाई गई।
कथित पीड़िता से जब विस्तृत पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके पिता नहीं हैं और मां से झगड़ा चल रहा है। वह अकेली रहती है। बादल और प्रिंस उसके मुंहबोले भाई हैं। वह पिछले दो साल से दिल्ली में बादल के मकान में ही रहती थी और बादल ही उसका खर्चा चलाता था। उसने बताया कि लोनी में उसकी मुलाकात प्रिंस से हुई थी।
पुलिस ने जब बादल डेढ़ा के विषय में जानकारी जुटाई, तो पता चला कि वह अपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है और उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। पीड़िता के माध्यम से उसने कई लोगों को ठगा है। दिल्ली के थाना न्यू अशोक नगर में उसकी हिस्ट्रीशीट बन रही है।
गिरफ्तार युवती ने बताया कि उसने बादल और प्रिंस के साथ मिलकर थाना अंकुर विहार, गाजियाबाद में 2 नवंबर 2024 को एक अन्य मकान मालिक तथा उसके नाबालिग बेटे के खिलाफ एफआईआर लिखाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। उस समय उसे उस घर में रहते हुए आठ दिन ही हुए थे। इसके बाद 17 नवंबर 2024 को कार्रवाई न करने के लिए एक समझौता पत्र थाने में दिया गया।
थाना बादलपुर पुलिस ने जब उस शिकायत के आरोपी (मकान मालिक) से पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि उसके नाबालिग बेटे को झूठे केस में फंसाकर इस बात की धमकी दी गई कि उसे बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास हो सकता है। दबाव में आकर उसने गैंग के सदस्यों को 5.5 लाख रुपये समझौते के लिए दिए थे।
गैंग के बादल पर अलग-अलग थानों में 11 मुकदमे दर्ज हैं। उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी हो चुकी है। पहले उसका नाम कालू सिंह था। जब कालू सिंह नाम से आपराधिक इतिहास ज्यादा हो गया, तब उसने आधार कार्ड में अपना नाम बदलकर बादल डेढ़ा रख लिया।
गैंग के सदस्यों ने महिला साथी को शिकायतकर्ता के मकान में कमरा दिलवाया था। जब उस व्यक्ति को महिला की गतिविधियां संदिग्ध लगीं, तो उसने कमरा खाली करवा दिया। इसके बाद उन्होंने पास में ही दूसरा कमरा ले लिया और तीन दिन बाद मकान मालिक को दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी। शिकायतकर्ता मकान मालिक ने दबाव में आकर 2.5 लाख रुपये देने की हामी भर दी और 40 हजार रुपये दे भी दिए।