फतेहपुर (वक़ार पंजतन) : मोहर्रम की आठ तारीख मौला अ.स अब्बास के नाम से मंसूब है, फतेहपुर जिले के कोर्रा सादात के पंजतनी अज़ाखाने में मौला अब्बास का ताबूत निकला. सुबह 11 बजे मजलिस का आगाज़ हुआ, मर्सिया खानी के फराएज़ जनाब असद कानपुरी ने अदा किया.
मजलिस को जनाब मौलाना फाज़िल ज़ैदी जरेली ने खिताब फरमाया. फाज़िल ज़ैदी ने फ़ज़ाएल पढ़ते हुए कहा कि लोग मौला अब्बास के मासूम होने पर शक करते हैं, सिफफीन में मौला अली की अबा कबा मौला अब्बास ने पहनी, क्या ये अब्बास के मासूम होने की दलील नहीं है. शहज़ादी फ़ातिमा स.अ ने मौला अब्बास की आमद से पहले उनका कुर्ता सिला
मसाएब पढ़ते हुए मौलाना ने कहा जब अहले हरम का काफिला छुटकर अब्बास की कब्र पर पहुंचा तो अहले हरम अब्बास की कब्र ना पहचान सके, कब्र इतनी छोटी थी जैसे किसी बच्चे की हो, अज़ादार ये बयान सुनकर अश्क़ बरसाने लगे. शबिहे अब्बास देखकर हर शख़्स गमगीन हो गया.
ताबूत में जनाब मशहद जलालपुरी ने दर्द भरा नौहा पढ़ा, जब रेदा सिर से छिनी मैं सदा देती रही, तू ना आया गाज़ी, अज़ादारों ने दिल खोल कर मौला हुसैन अ.स के भाई का मातम किया. मजलिस में अज़ादार जीशान, हाशिम, मोहम्मद, हस्नैन, ताबिश, शुजा, शैज़ी, शानू, समेत सैकड़ों अज़ादारों ने शिरकत की, प्रसाद के रूप में खिचडा बांटा गया.